हिसार। हिसार के पार्थ की मौत के मामले में नेगलिजेंस बोर्ड ने चिकित्सकों को क्लीन चिट दे दी है. बता दें कि कैंप चौक स्थित डॉ मान आंखों के अस्पताल में 22 जनवरी को आंखों के भंगेपन के ऑपरेशन के दौरान 7 वर्षीय पार्थ की मौत हो गई थी . इस मामले में नेगलीजेंस बोर्ड ने चिकित्सकों को क्लीन चिट दे दी है. 11 सदस्य चिकित्सा बोर्ड ने इस मामले की फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसमें मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट यानी हृदय गति रुकने को बताया गया.
पार्थ मामले में डॉक्टरों को दी गई क्लीन चिट
बता दे कि इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र नहीं किया गया कि पार्थ की हृदय गति क्यों रुकी या पार्थ को एनेस्थीसिया की डोज अधिक मात्रा में दी गई या नहीं दी गई. नेगलिजेंस बोर्ड ने रिपोर्ट मे पार्थ के ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर मान आंखों के अस्पताल के मालिक डॉ गुरु प्रताप मान और अन्य दो चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बरते जाने से इनकार किया गया. जबकि पार्थ के परिजनों ने ऑपरेशन करने वाले चिकित्सकों के साथ-साथ डॉक्टर मान पर भी लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे. परिजनों ने डॉक्टरों को ही पार्थ की मौत का जिम्मेदार बताया था. बता दें कि शुक्रवार सुबह नेगलिजेंस बोर्ड द्वारा फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी गई , जिसके बाद सुबह ही एसपी के आदेशों पर सीएमओ कार्यालय के बाहर और डॉक्टर मान आंखों के अस्पताल के सामने भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे.
सीएमओ ने कहा कि पार्थ स्वजन रोष स्वरूप कोई भी नुकसान ना करें. जिसके तहत एसपी ने सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती करवाई. बता दे कि इसी साल 22 जनवरी को कैंप चौक स्थित डॉक्टर मान आँखो के अस्पताल में भंगेपन का ऑपरेशन करवाने गए 7 वर्षीय पार्थ की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में सब जनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतते हुए एनेस्थीसिया की ओवरडोज देने का आरोप लगाया था.
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