हिसार | हरियाणा को स्मार्ट राज्य बनाने की दिशा में शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. इस संबंध में हिसार समेत सोनीपत, रोहतक, पानीपत, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर जिले को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. इस कदम से जहां अपराध पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. साथ ही, नागरिक सुविधाओं पर भी नजर रखी जा सकेगी.
लगेंगे 7 हजार CCTV कैमरे
अकेले हिसार जिले में इस प्रोजेक्ट के तहत 150 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे और शहर में 1 हजार CCTV कैमरे लगाए जाएंगे. यानि 7 शहरों में सात हजार सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. हिसार जिले का जिक्र करें तो शहर के प्रत्येक चौक- चौराहे, शिक्षण संस्थान, मंदिर, बाजार, मुख्य सड़कें, पेयजल और सुरक्षा व्यवस्था पर इन CCTV कैमरों के जरिए 24×7 पैनी नजर रखी जाएगी.
4 विभागों के साथ हुई बैठक
इस प्रोजेक्ट के तहत, कमांड सेंटर के जरिए शहर पर नजर रखी जाएगी. इस प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को फाइनल करने के लिए स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा (ULB) की गुरुग्राम एजेंसी की 2 सदस्यीय कंसलटेंट टीम बुधवार को हिसार नगर निगम पहुंची. उन्होंने 4 विभागों (नगर निगम, जनस्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) के इंजीनियरों के साथ ढाई घंटे तक बैठक की.
शहरवासियों को बड़े स्तर पर फायदा
इस बैठक में नगर निगम XEN ने सेक्टर- 13 स्थित कम्यूनिटी सेंटर को कमांड सेंटर के तौर पर विकसित करने का सुझाव दिया. ऐसे में इस जगह को बेहतर मानते हुए अब इसपर भी मंथन किया जाएगा. नगर निगम आयुक्त नीरज ने बताया कि शहर में सीसीटीवी कैमरे लगने के साथ ही कमांड सेंटर के जरिए स्ट्रीट लाइटें व ट्रैफिक सिस्टम भी इससे जुड़ेगा. शहर में फ्लो मीटर लगेंगे. उनसे पानी लाइन लीकेज व सीवरेज ओवरफ्लो जैसी समस्याओं की मॉनिटरिंग में आसानी होगी. शहरवासियों को इस प्रोजेक्ट से बड़े स्तर पर लाभ होगा.
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के ये 9 फायदे
- एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट.
- नागरिक सुविधाओं की निगरानी.
- चिकित्सकीय संसाधनों की निगरानी.
- आपराधिक घटनाओं पर शिकंजा कसने के लिए निगरानी.
- ई- चालान के लिए जानकारी जैसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डाटा सहसंबंध.
- घटना प्रबंधन के लिए अलर्ट इत्यादि.
- वाटर व एयर क्वालिटी की जानकारी देख सकेंगे.
- कचरा प्वाइंट्स व कचरा निस्तारण केंद्र की निगरानी.
- ICCC केंद्र के डेस्क बोर्ड का सिटीजन के लिए एक ऐप बनेगा. इसमें सिटीजन अपनी प्रतिक्रिया दे सकेंगे.