क्या RLD हरियाणा में लड़ेगी चुनाव, सुनिए जयंत चौधरी का जवाब

हिसार । आरएलडी नेता जयंत चौधरी जब से हिसार पहुंचे हैं तभी से क्यास लगाए जा रहे हैं कि वह चुनाव लड़ने वाले हैं.क्योंकि हरियाणा के विधानसभा चुनाव भी नजदीक आने वाले हैं और हिसार का दौरा उनकी चुनावी रणनीति को जोड़कर देखा जा रहा है. मगर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जयंत चौधरी ने चुनाव लड़ने को लेकर कहा है कि वह हिसार किसी भी चुनावी मुद्दे की वजह से नही आए थे. उन्होंने ऐसा एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है.

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किसानों के लिए आए हैं हिसार

जब उनसे पूछा गया कि क्या आप चुनाव लड़ेंगे?, इस सवाल का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा है कि वह हिसार किसी भी चुनावी मुद्दों को लेकर नही आए हैं. मगर वह किसानों के हक की बात करते रहेंगे, उन्होंने कहा कि हिसार चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि है, लोग चाहते हैं कि किसानों का मंच बने चौधरी चरण सिंह ने हरियाणा के युवाओं को लेकर कहा कि वह खुद एक युवा है. और हरियाणा के युवाओं का दर्द समझते हैं क्योंकि हरियाणा के युवा आज रोजगार जाते हैं जो उनके पास नहीं है.

आप और बीजेपी को लिया आड़े हाथ

जयंत चौधरी ने आम आदमी पार्टी और बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अगर आम आदमी पार्टी भी बीजेपी की तरह ही चुनाव प्रचार के दौरान कई बातें करें और उसके बाद पूरा ना करे, तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी में फर्क ही क्या रह जाएगा. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में चुनाव जीतने के लिए जिस तरह से कई वादे किए हैं उन्हें पूरा भी करना चाहिए. अगर वादे पूरे नहीं किए जाते हैं तो आम आदमी पार्टी भी बीजेपी की तरह ही कार्य कर रही है. इसलिए आम आदमी पार्टी को अपने सभी वादे पूरे करने चाहिए.

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किसानों को रहना चाहिए संगठित

जयंत चौधरी ने एक सवाल में कहा कि किसानों को संगठित रहना चाहिए, क्योंकि किसानों को हमेशा से सरकारों के दमन का सामना करना पड़ा है. इसलिए किसानों संगठित रहकर ही अपना काम करना चाहिए. ताकि उनकी मांगे पूरी हो सके और वह अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकें. किसानों को चाहे जेठ का महीना हो या पूस का उनका काम खत्म नहीं होता है. क्योंकि संघर्ष ही जीवन है और किसानों को संघर्ष करना ही पड़ता है.

महंगाई को लेकर कही यह बात

जयंत चौधरी से महंगाई को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विपक्ष महंगाई का मुद्दा सरकार के समक्ष जरूर उठाए, मगर विपक्ष भी हर पहलू में नाकाम रही है. इस सरकार की आर्थिक स्थिति पूर्ण रूप से फ्लाप रही है. एक इन्वेस्टिगेशन जर्नलिस्ट ने इस बात का खुलासा किया है कि जब पहली बार 2014 में बीजेपी सरकार में आई तो 2015 से ही वित्त मंत्रालय ने आरबीआई पर वार करना शुरू कर दिया था और कोविड-19 के दौरान जो आंकड़े दिए थे, वित्त मंत्रालय ने उन आंकड़ों को स्वीकार करके आरबीआई पर ही दबाव बनाना शुरू कर दिया था. अब समझ सकते हैं कि वित्तीय स्थिति कितनी खराब है कि आरबीआई पर वार किया जा रहा है. आरबीआई को सरकार मारना नहीं चाहती है और ऐसे हालात में जब अर्थशास्त्र का जानकार सरकार में नहीं है या कोई है तो उसकी बात की सुनवाई नहीं हो रही है, तो यह बात बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

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खट्टर नहीं जीतेंगे अब चुनाव

जयंत चौधरी ने यह भी कहा कि खट्टर सरकार अब चुनाव नहीं जीतेगी, क्योंकि सरकार हर बातों में नाकाम रही है, आप उदाहरण के लिए किसान आंदोलन को ही देख सकते हैं. अगर सरकार इतनी सही होती तो यह किसानों की मांगे जरूर पूरी करती. सरकार किसानों की मांगों को लेकर आनाकानी करती रही है और सरकार महंगाई, बेरोजगारी मुद्दे को लेकर भी कटघरे में है, इसलिए खट्टर इस बार चुनाव जीतने के सपने भूल जाएं.

हिसार में किसानों को संबोधन में कही ये बातें

किसान और मजदूर के साथ हमारे मधुर संबंध हैंहैं. अगर आपको चंडीगढ़ और दिल्ली में भी लड़ना है तो मैं इसके लिए तैयार हूं. राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रविवार को खेड़ी चौपाटा धरने पर लोगों को संबोधित करते हुए कही थी ये बातें

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उन्होंने कहा कि सरकार आंखें बंद करके बैठी है और किसान भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे बैठकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. हरियाणा राज्य किसानों की भूमि है और चौधरी चरण सिंह की कार्य भूमि भी है.आंदोलन की कुर्बानी देकर किसानों ने हमेशा जीत हासिल की है.हम सामने वालों को राम-राम कर सकते हैं, लेकिन झुक नहीं सकते.

वे हमारे अधिकार लेना जानते हैं और यह हमने दिल्ली में भी दिखाया है. सरकार को मुंह मोड़कर किसानों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमन करने का काम किया है. उन्हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा. राज्य के कुछ नेता किसान आंदोलन को बीमारी बता रहे हैं. उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि आज उन्हें जो कुर्सी मिली है, वह उनके वोटों से मिली है.

किसान फिर करेंगे आंदोलन

सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो आंदोलन करेंगे कुछ नेता चुनाव के दौरान गांव और घर बन जाते हैं और आपका वोट मिलने के बाद भी आपकी देखभाल नहीं करते हैं, अब आप लोगों को उनसे ज्यादा स्मार्ट बनना होगा. वह टिकट दिल्ली या चंडीगढ़ से लाएंगे, लेकिन उन्हें खेड़ी की जनता का वोट कहां से मिलेगा. यहां किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है. इसकी भरपाई किसान नहीं कर सकते.

 

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