झज्जर | दूषित पानी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए झज्जर जिले में एक नया प्रयास किया जाएगा. इसके तहत जिले के 6 गांवों में लगभग 4.20 करोड़ रूपए की लागत से ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए पंचायत विभाग ने वर्क आर्डर जारी कर दिए हैं और GRAP के चौथे चरण की पाबंदियां हटते ही इसपर काम शुरू कर दिया जाएगा. बता दें कि ग्रे-वाटर मैनेजमेंट सिस्टम के तहत दूषित और खराब पानी को दोबारा उपयोग में लाने के काबिल बनाया जाएगा.
भू-जल स्तर में होगा सुधार
इस प्रोजेक्ट के तहत गांवों के दूषित और खराब पानी का ट्रीटमेंट कर उसे अन्य कार्यों में प्रयोग करने के लायक बनाया जाएगा. खासकर खेती के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य भू-जल स्तर में सुधार करना रहेगा. गांवों में लगातार गिर रहें भू-जल स्तर को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारा गया है. पंचायत विभाग की ओर से इस प्रोजेक्ट को धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए जून 2025 की समय-सीमा निर्धारित की गई है.
इन गांवों को मिली सौगात
पंचायत विभाग द्वारा झज्जर जिले के 6 गांवों में ग्रे-वाटर मैनेजमेंट योजना को शुरू किया जाएगा. इसमें सीधीपुर में लगभग 87.50 लाख, नूना माजरा में 87.34 लाख, दुलहेड़ा में 75.61 लाख, बाबरा में 47.20 लाख, लोहाट में 5.77 लाख और लुकसर में 98.50 लाख रुपये की लागत राशि से ग्रे-वाटर मैनेजमेंट सिस्टम बनाए जाएंगे.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम के तहत गांव के दूषित और खराब पानी को डायवर्ट कर ड्रेन या फिर किसी तालाब तक ले जाया जाएगा और इसके लिए विशेष तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों में पानी के गिरते हुए भू-स्तर की स्थिति को अच्छा बनाए रखना है- ललित कुमार, एक्सईएन पंचायती राज विभाग, झज्जर