झज्जर। बरसात व ओलावृष्टि के कारण खराब हुई फसल का सरकार मुआवजा देगी. इसके लिए किसान को आवेदन करना होगा. खराब हुई फसलों की शिक़ायत देने के लिए शनिवार को भी किसान , किसान सदन पहुंचे. किसानों की शिक़ायत लेने के लिए शनिवार को भी कार्यालय खुला रहा ताकि किसी भी किसान को समय पर शिकायत देने में कोई परेशानी ना हो. बरसात व ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसल खराब हुई है जिसमें ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल का है.
किसान अपनी खराब हुई फसल का मुआवजा देने की मांग को लेकर शिकायत कर रहे हैं. हालांकि शिकायत उन लोगों की ली जा रही है जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा करवाया हुआ था. सभी किसानों की शिक़ायते मिलने के बाद कृषि विभाग एवं बीमा अधिकारी खेतों में जाकर सर्वे करेंगे . इसके आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. फिलहाल नुकसान हुई फसल की भरपाई के लिए किसानों को मुआवजे से आश है.
9 मार्च को ओलावृष्टि से खराब हुई थी फसलें
बता दें कि 9 मार्च को जिलेभर के कई हिस्सों में बरसात के साथ ओलावृष्टि भी हुई थी. जिस कारण काफी फसल खराब हो गई है. 12 मार्च को बारिश के साथ आई तेज हवाओं से भी गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई है. इससे फसलों में काफी नुकसान हुआ है. खराब हुई फसलों की शिक़ायत लेकर किसान पहुंच रहे हैं. किसानों ने 10 मार्च से लेकर 12 मार्च तक 849 शिकायतें आई है जिनमें 112 आवेदन सरसों की फसल के व 737 आवेदन गेहूं की फसल के लिए आएं हैं.
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
- किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले किसानों के लिए बैंक से एप्लिकेशन आईडी नंबर या बिना लोन वाले किसानों के लिए बीमा पॉलिसी पेज
- आधार कार्ड की कापी
- बैंक पासबुक की कापी जिसमें से प्रीमियम कटा हुआ हो
- फरद की कापी,खेवट नंबर या किला नंबर
- किसान को 72 घंटे के अंदर शिकायत देनी होगी
तेज हवाओं से ज्यादा नुकसान
गांव कासनी निवासी धर्मपाल ने बताया कि उसने तीन एकड़ में गेहूं की फसल बोई हुई थी. बरसात के बाद तेज हवाओं ने फसल को पुरी तरह से बिछा दिया. गांव में केवल उन्हें ही नहीं, 100-150 एकड फसल में नुकसान हुआ है. उन्होंने अपनी फसल का बीमा करवाया हुआ था. इसलिए वह शिकायत दर्ज करवाने आया है. अब सरकार से आस है कि फसल में हुएं नुकसान का उचित मुआवजा मिले.
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