जींद । हरियाणा के जींद जिले के गांव छातर में दलित परिवारों के बहिष्कार मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो दर्जन लोगों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है. दलित परिवारों द्वारा सीएम विंडो में शिक़ायत दर्ज करवाने पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. आरोप है कि बुधवार को दबंगों ने गांव के अनुसूचित जाति के सभी 150 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था.
दलित परिवारों ने आरोप लगाया कि उन्हें राशन, सब्जियां और दूध तक देना बंद कर दिया गया. ऐसे में उनके सामने पेट भरने का संकट पैदा हो गया है. गांव में इन परिवारों को राशन व दूध देने वाले पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था. दलित परिवारों को खेतों में प्रवेश करने की इजाजत पर रोक लगा दी गई थी. शहर जाने के लिए कोई उन्हें अपने साधन में नहीं बिठा रहा था. जिलें के समाज कल्याण विभाग की जानकारी में मामला आने के बाद टीम मौके पर पहुंची और दलित परिवारों के लिए दूध,राशन आदि का इंतजाम किया.
इस घटना से बढ़ी तकरार
बताया जा रहा है कि खेल मैदान में कबड्डी खेलने के दौरान गांव के ही कुछ दबंग युवकों की गुरमीत नामक दलित युवक से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई जिसके चलते उसको पीटा गया. इसके बाद गुरमीत ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस को शिकायत देते हुए उनके खिलाफ एससी-एसटी के तहत मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. बस इसी बात से गुस्साए दबंगों ने पंचायत बुलाकर यह ऐलान किया कि दलित जाति के लोग गुरमीत से किसी तरह का संबंध न रखें,उसको अकेला छोड़ दें. अगर उसका साथ दिया गया तो पूरे दलित समाज को बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा.
दलितों ने नहीं मानी पंचायत की बात
जब दलित समाज ने पंचायत के फैसले को अनसुना करते हुए गुरमीत का साथ दिया तो दबंगों ने तालिबानी फरमान जारी कर दिया. इसके बाद दलित समाज ने सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दबंग परिवारों के करीब दो दर्जन लोगों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस हर एक पहलू से जांच कर रही है.
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