चंडीगढ़ | हरियाणा के जींद में 24 नवंबर को आयोजित हुई सीएम नायब सैनी की रैली का विवाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. मोहाली के एक वकील द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि जींद रैली के लिए 1194 सरकारी बसों का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का दुरूपयोग है.
हाईकोर्ट में दायर याचिका में अपनी राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए जनता के पैसे के दुरूपयोग का आरोप लगाया गया है. याचिका में दलील दी गई है कि रिप्रेसेंटशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के तहत दी गई पॉवर का कोई भी सरकार ऐसे दुरूपयोग नहीं कर सकती है. इस रैली में नेशनल और स्टेट हाईवे का भी दुरुपयोग किया गया है.
पैसे वसूलने का आग्रह
याचिका में आरोप लगाया गया है कि वाल्मीकि जयंती पर आयोजित हुई मुख्यमंत्री की इस रैली में लोगों को निःशुल्क लाने के लिए हरियाणा रोडवेज की बसों का इस्तेमाल किया गया है. याचिका में इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए जींद रैली पर हुए खर्च को वसूलने का निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है.
याचिकाकर्ता के अनुसार, राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके राज्य, सार्वजनिक खजाने की कीमत पर रैली के लिए राज्य परिवहन की बसों की मांग की गई थी. न्याय के हित में यह राशि मुख्यमंत्री नायब सैनी और मंत्रियों से वसूल किए जाने योग्य है. इससे पहले एडवोकेट जगमोहन भट्टी हरियाणा मंत्रिमंडल के गठन को भी हाईकोर्ट में चुनौती दे चुके हैं.
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