हरियाणा के इस रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाईड्रोजन ट्रेन, जानें क्या होगी खासियतें

जींद | हरियाणा के लिए एक और गौरवमई खबर सामने आई है. नए साल पर जींद से सोनीपत के बीच देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन दौड़ने लगेगी. जींद जंक्शन पर बन रहे हाइड्रोजन प्लांट का कार्य लगभग 80% पूरा हो चुका है. इसके निर्माण की अंतिम तिथि दिसंबर है. 2 माह में 20% कार्य भी पूरा हो जाएगा. उसके बाद, जींद- सोनीपत के बीच ट्रेन का ट्रायल लिया जाएगा. ट्रायल सफल रहने पर हाइड्रोजन गैस से ट्रेन को संचालित किया जाएगा. यह ट्रेन वंदे भारत की तरह दिखाई देगी.

hydrogen train

118 करोड़ रूपए आई लागत

गौरतलब है कि रेलवे जंक्शन पर 118 करोड़ रुपये की लागत से दो हजार मीटर एरिया में हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण किया जा रहा है. हाइड्रोजन गैस से चलने वाले इंजन धुआं के बजाय भाप और पानी छोड़ेंगे. इसकी रफ्तार और यात्रियों को ले जाने की क्षमता डीजल से चलने वाली ट्रेन के बराबर होगी. यह ट्रेन एक किलो हाइड्रोजन में करीब साढ़े चार लीटर डीजल के बराबर माइलेज देगी. वहीं इस ट्रेन का रखरखाव भी सस्ता होगा.

यह भी पढ़े -  नए साल पर मिलेगी जींद- सोनीपत ग्रीनफील्ड हाइवे की सौगात, दिल्ली समेत IGI एयरपोर्ट की राह होगी आसान

ये होगी खासियतें

इलेक्ट्रिक की तुलना में हाइड्रोजन ट्रेन 10 गुना अधिक दूरी तय कर सकती है. ट्रेन 360 किलोग्राम हाइड्रोजन में 180 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. ट्रेन में दो पावर प्लांट होंगे. हाइड्रोजन से ट्रेन चलाने वाला भारत दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा. ईंधन सेल की लागत और रखरखाव भी कम खर्च वाला है. ट्रेनों में आवाज नहीं होगी, इसलिए इनमें यात्री आरामदायक सफर कर सकेंगे.

यह भी पढ़े -  नए साल पर मिलेगी जींद- सोनीपत ग्रीनफील्ड हाइवे की सौगात, दिल्ली समेत IGI एयरपोर्ट की राह होगी आसान

3 हजार किग्रा हाइड्रोजन भंडारण की होगी क्षमता

जंक्शन के पास बनाए जा रहे प्लांट में लगभग 3 हजार किलोग्राम हाइड्रोजन गैस का भंडारण किया जा सकेगा. प्लांट को रोजाना 40 हजार लीटर पानी की जरूरत होगी. वहीं, स्टेशन की छतों का पानी भी प्लांट तक पहुंचाया जाएगा. हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन आठ-दस डिब्बों की होगी और यह पूरी तरह से हाइब्रिड ट्रेन होगी.

यह भी पढ़े -  नए साल पर मिलेगी जींद- सोनीपत ग्रीनफील्ड हाइवे की सौगात, दिल्ली समेत IGI एयरपोर्ट की राह होगी आसान

इसमें अक्षय ऊर्जा भंडारण जैसी बैटरी या सुपर कैपेसिटी लगे होंगे. इंजन में डीजल की जगह फ्यूल सेल, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन डाली जाएगी. ऑक्सीजन की मदद से हाइड्रोजन नियंत्रित ढंग से जलेगी और इस ताप से बिजली पैदा होगी. बिजली लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करेगी, जिससे ट्रेन चलेगी. इस दौरान धुएं की जगह सिर्फ भाप और पानी निकलेगा.

हाइड्रोजन प्लांट का निर्माण कार्य 80% पूरा हो चुका है. दिसंबर तक बचे हुए कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. नए साल पर जींद-सोनीपत के बीच हाइड्रोजन ट्रेन चलने की पूरी उम्मीद है- शैलेंद्र मिश्रा, IOW, रेलवे, जींद

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit