जींद | किसान बिलों का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. विरोध इस स्तर पर पहुंच गया है कि किसान अपनी खड़ी फसल को नष्ट करने पर उतर आए हैं. आज ही जींद के गुलकणी गांव के किसान राममेहर ने कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को अपनी दो एकड़ फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दी.
उसने बताया कि वह 10 एकड़ में खेती करता है और यदि इन तीनों कृषि बिलों को वापस नहीं लिया गया तो वह अपनी बाकी फसल पर भी ट्रैक्टर चलाकर उन्हें नष्ट कर देगा. ऐसा ही वाकया जिले के राजपुरा भैणी गांव में भी देखने को मिला है जहां अपनी दो एकड़ जमीन पर किसान ने ट्रैक्टर चलाया है. उनके मुताबिक यदि वो पकी फसल जलाते तो उन पर प्रदूषण को लेकर सख्त कार्यवाही हो सकती है इसलिए कच्ची फसल को नष्ट कर रहे हैं जिससे खेतों को भी हरी खाद मिलेगी जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि वे राकेश टिकैत के बयानों को सच साबित करेंगे यदि सरकार उनकी मांगें नही मानती है तो. वे केवल इतनी ही फसल रखेंगे जिससे उनका घर खर्च चल सके.
राकेश टिकैत ने कहा है कि किसी भी सुरत में आंदोलन को कमजोर नही पड़ने दिया जाएगा, अगर सरकार को लगता है कि फसल कटाई के समय दिल्ली बॉर्डर खाली हो जाएगा व किसान घर पर आ जाएंगे तो यह उनका वहम है. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती विरोध अनवरत जारी रहेगा.
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