जींद | इस साल धान की फसल किसानों के लिए सोना साबित हो रही है. एक तरफ जहां किसानों को ऊंचा भाव मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर पैदावार भी अच्छी मिल रही है. प्रदेश सरकार और प्रशासन द्वारा फसल खरीद के लिए इस बार बढ़िया प्रबंध किए गए हैं, जिससे किसानों को मंडी में फसल बेचने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. वहीं, 1509 के बाद बासमती धान की आवक भी मंडियों में जोर पकड़ने लगी है. वहीं इस बार बासमती धान का भाव भी ऊंचा मिल रहा है.
बीते साल इन दिनों बासमती धान का भाव 2,500 रुपए से 3,649 रुपए प्रति क्विंटल तक मिला था जबकि इस बार भाव 2,900 रुपए से 4,000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहा है. इस बार किसानों को पैदावार भी अच्छी मिली है. 27 अक्टूबर को एक ही दिन में रिकॉर्ड बासमती की 12 हजार क्विंटल से अधिक की खरीद प्राइवेट बोली पर हुई है. वहीं, मार्केट कमेटी में दर्ज रिकार्ड के अनुसार अब तक 41789 क्विंटल बासमती धान की खरीद 27 अक्टूबर तक हो चुकी है.
1509 धान की आवक भी बढ़ी
जींद की उचाना मंडी में इस बार 1509 धान की आवक भी बढ़ी है. पिछले साल जहां अब तक 22,875 क्विंटल धान खरीदा गया था तो वहीं इस बार 79,838 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है, जो बीते साल से 56,963 क्विंटल ज्यादा है. वहीं, पीआर धान की भी अब तक सरकारी रेट पर 83,712 क्विंटल खरीद हो चुकी है. प्राइवेट बोली पर धान की खरीद करने वाले व्यापारियों का कहना है कि अब आने वाले दिनों में बासमती धान की आवक मंडियों में ज्यादा रहेगी.
उचाना मंडी मार्केट कमेटी सचिव नरेंद्र कुंडू ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार 1509, पीआर व बासमती धान की आवक में अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज हो रही है. इस बार किसानों को भाव भी ऊंचा मिल रहा है जिससे किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है. वहीं, खरीद प्रबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि मंडी में फसल लेकर पहुंचने वाले किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है. फसल खरीद से संबंधित सभी तरह के प्रबंधन किए गए हैं और मंडियों में किसानों को फसल बेचने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है.
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