हरियाणा की मंडियों में सरसों किसान घाटा झेलने को मजबूर, जानें कितना मिल रहा ताज़ा भाव

जींद | हरियाणा की मंडियों में सरसों फसल की आवक शुरू हो चुकी है. हालांकि, सरसों की सरकारी खरीद 28 मार्च से शुरू होगी लेकिन अगेती फसल को लेकर किसान मंडियों में आना शुरू हो चुके हैं. वहीं, अभी MSP पर खरीद को लेकर काफी समय बाकी है तो किसान औने- पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हो रहे हैं.

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प्रति क्विंटल 500- 700 रूपए का नुकसान

जींद अनाज मंडी में एक हजार क्विंटल सरसों की आवक हो चुकी है, लेकिन अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. किसान प्राइवेट व्यापारियों और मिल मालिकों को अपनी फसल बेचने पर मजबूर हैं. इससे उसको सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,650 रूपए प्रति क्विंटल नहीं मिल रहा है. खुली बोली पर सरसों 4,800 से 5,100 रूपए प्रति क्विंटल बिक रही है.

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दोहरी मार से परेशानी

किसानों ने बताया कि प्रति क्विंटल 550 से 700 रूपए प्रति क्विंटल तक आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है और न ही भावांतर योजना में इसके नुकसान की भरपाई की कोई सूचना है. उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. पहले ओलावृष्टि से पैदावार प्रभावित हुई है और अब भाव कम मिल रहा है. इससे उनकी फसल की लागत भी पूरी नहीं हो रही है.

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मार्केट कमेटी सचिव संजीव कुमार ने बताया कि 28 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद के आदेश सरकार ने जारी किए हैं. फिलहाल, निजी व्यापारी या मिल मालिक खुली बोली पर सरसों खरीद रहे हैं और किसानों को MSP से 500 से 700 रूपए तक कम भाव मिल रहा है. इन किसानों के घाटे की भरपाई भावांतर योजना के तहत सरकार करेगी या नहीं. फिलहाल, ऐसी भी कोई सूचना नहीं मिली है.

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