हरियाणा में एक बार फिर छाया रुस्तम झोटा, हिमाचल प्रदेश में जीता कृषक रत्न अवार्ड

जींद । अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हरियाणा के जींद जिले का मुर्रा नस्ल का रुस्तम झोटा फिर से भारत में छाया हुआ है. बता दे कि 11 करोड़ की कीमत वाले रुस्तम झोटे ने हिमाचल प्रदेश में कृषक रत्न अवार्ड जीता है. केंद्रीय पशुपालन मंत्री द्वारा रुस्तम झोटे को सम्मानित किया गया. बता दे कि रुस्तम झोटे ने 6 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नेतृत्व किया और 26 बार नेशनल चैंपियन बना.

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रुस्तम झोटे की क़ीमत 11 करोड़ रूपये

वह 100 से ज्यादा प्रतियोगिता में भाग ले चुका है. वही झोटे का मालिक दलेल जांगड़ा इसको छोटे बच्चे की तरह रखता है. इसकी कीमत भारत में 11 करोड रुपए लग चुकी है. वही इसके मालिक का कहना है कि यह उनके परिवार का अभिन्न अंग है और वह इसको कभी नहीं बेचेंगे. इसका आधार कार्ड बनवाकर इसको परिवार का सदस्य बनाएंगे. रुस्तम की ऊंचाई 5.5 फ़ीट और 14.9 फ़ीट लंबाई है. रुस्तम प्रतिदिन 300 ग्राम देसी घी, 3 किलो चना, आधा किलो मेथी, 100 ग्राम बादाम, 5 किलो दूध, 3.5 किलो गाजर खाता है.

रुस्तम झोटा जींद के जुलाना कस्बे के रतौली गांव का है. अब इसके मालिक ने इसका आधार कार्ड बनवाने की तैयारी कर ली है. उनका पूरा परिवार रुस्तम के पालन पोषण में लगा हुआ है. वहीं राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान द्वारा ही मुर्रा नस्ल के इस झोटे का नामकरण किया गया. उनका पूरा परिवार अपने बच्चों से ज्यादा रुस्तम की देखरेख कर रहा है. वही दलेल ने बताया कि रुस्तम की कीमत ₹11 करोड़ लग चुकी है, लेकिन उन्होंने बेचने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि रुस्तम अभी भी मां के पास है जिसके पास 25.530 किलोग्राम दूध निकालने का रिकॉर्ड है. रुस्तम ने 2014 में झज्जर में हुई पशु चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल किया था.

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