जींद | सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए राहत भरी खबर है. शिक्षा निदेशालय ने पत्र जारी कर पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को एक जुलाई से मिड- डे मील उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं. गर्मियों की छुट्टियों के बाद जैसे ही बच्चे स्कूल पहुंचेंगे तो बच्चों को दोपहर का भोजन मिलना शुरू हो जाएगा.
बता दें कि शिक्षा विभाग ने पहले मिड- डे मील की राशि सीधे दुकानदारों के खाते में डालने का निर्णय लिया था जिसका शिक्षकों द्वारा पुरजोर विरोध किया गया था. शिक्षकों के विरोध को देखते हुए अब शिक्षा विभाग ने अपना फैसला वापस ले लिया है और मिड- डे मील की राशि स्कूलों के खातों में डालने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते स्कूली बच्चों को घर- घर जाकर राशन बांटा जा रहा था.
अब इस नए सत्र से हालात सामान्य होने पर स्कूली बच्चों के लिए मिड डे मील शुरू करने की योजना बनाई थी लेकिन साथ में ही शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिए थे कि मिड- डे मील की राशि उन दुकानदारों के खातों में भेजी जाएगी, जिनसे किराना व अन्य सामान खरीदा जा रहा है. हालांकि शिक्षा विभाग के इस फैसले पर शिक्षकों ने ऐतराज जताया था.
शिक्षकों का कहना था कि मिड डे मील के लिए राशन की खरीदारी कई दुकानों से की जाती है. ऐसे में इतने दुकानदारों के अकाउंट नंबर लेना कठिन काम है. इसी वजह से इस सत्र में स्कूली बच्चे दो महीने से मिड डे मील के इंतजार में बैठे थे लेकिन अब शिक्षा विभाग ने स्कूलों के ही खातों में राशि डालने का निर्णय लेकर स्कूली बच्चों का इंतजार खत्म कर दिया है.
1 जुलाई से मिलेगा मिड- डे मील
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जींद, सदानंद वत्स ने बताया कि निदेशालय ने पत्र जारी कर स्कूलों के खातों में राशि डालने का निर्णय लिया है. एक जुलाई से बच्चों को मिड डे मील का खाना मिलना शुरू हो जाएगा. जिलें में पहली से आठवीं कक्षा के लगभग 350 स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या का आंकड़ा 70 हजार से अधिक है.
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