जींद । हरियाणा की सबसे उम्रदराज लोगों में से एक शरीफन पत्नी फुलदीन का आज इंतकाल हो गया. जींद की विश्वकर्मा कालोनी स्थित निवास पर आज उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके बेटे ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी उम्र लगभग 115 साल थी. आज नहर के पास स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
मृतक शरीफन के बड़े बेटे रहमत ने बताया कि उनकी मां बंटवारे के दौर के किस्से उन्हें सुनाती थी. बंटवारे के उस खौफनाक दौर में भारत में रहने का उनका फैसला वाकई हिम्मत भरा था. उनका फैसला इस बात की गवाही देता है कि उस माहौल में भी अमन-चैन कायम रखने के लिए लोग प्रयासरत थे. उस दौर में भी बड़ी आबादी ने धर्म आधारित बंटवारे को खारिज किया था और हिंदु-मुस्लिम भाईचारे को बढ़ावा दिया था.
न से मिलने वालें लोगों ने बताया कि शरीफन कहा करती थी कि बंटवारे के समय बहुत सारे हिन्दू परिवारों ने हमारा बहुत सहयोग दिया, जिसके चलते हमें देश छोड़ने को मजबूर नहीं होना पड़ा. उनके आसपास और रिश्तेदारी में बहुत से लोग बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए थे लेकिन उन्होंने यही रुकने का फैसला लिया था. उन्होंने बताया कि आज ऐसे बहुत कम लोग ज़िंदा है जिन्होंने बंटवारे के खौफनाक मंजर को झेला है.
लोगों ने बताया कि शरीफन चुनावों के दौरान हमेशा अपना वोट डालती थी. जब भी वोट डालने आती थी तब उनके हाथ में तिरंगा झंडा होता था. वो खुद अपने मत का प्रयोग करती थी और साथ ही औरों को भी वोट का महत्व समझाया करती थी. सामाजिक सद्भावना मंच उनके निवास स्थान पर उनके निवास स्थान पर पहुंचा है और श्रद्धांजलि अर्पित की है.
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