जींद | भारत में हाइड्रोजन रेल परियोजना की दिशा में रेलवे ने बड़ा कदम उठाते हुए डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट यानि DEMU ट्रेनों को ग्रीन ट्रेनों में बदलने की कवायद तेज कर दी है. हरियाणा के जींद जिले में हाइड्रोजन जनरेशन एंड स्टोरेज प्लांट तैयार किया जा रहा है. 61 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले इस प्लांट के दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
यहां दौड़ेगी पहली ट्रेन
जनवरी 2024 में जींद से सोनीपत के बीच चलने वाली DEMU ट्रेन की जगह पहली हाइड्रोजन ट्रेन चलाई जाएगी. दिल्ली के शकूर बस्ती स्थित वर्कशॉप में दो हाइड्रोजन इंजन तैयार किए जा रहे हैं, जिनपर 25-25 करोड़ रुपए लागत राशि खर्च होगी. इस परियोजना से जहा रेलवे का खर्चा बचेगा तो वहीं प्रदुषण में भी कमी आएगी.
जींद- सोनीपत के बीच 89 KM लंबे इस रेलवे ट्रैक पर यह ट्रेन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दौड़ेगी और डिब्बों को सिर्फ मॉडिफाई किया जाएगा. नए डिब्बे तैयार नहीं किए जाएंगे. हाइड्रोजन इंजन तैयार होने के बाद DEMU ट्रेनों को हटाकर हाइड्रोजन संचालित ट्रेन चलाई जाएगी.
इस तरह से है प्रस्ताव
DEMU के पीछे जितने डिब्बे लगे हुए हैं उनको अभी बदला नहीं जाएगा. इन डिब्बों को मॉडिफाई कर दिया जाएगा ताकि हाइड्रोजन इंजन इन डिब्बों को खींच सकें. ट्रेन में डीजल इंजन को बदला जाएगा. इसी तरह अल्टरनेटर, रेडिएटर, सहायक जेनरेटर, फ्यूल टैंक, टाइपिंग,वीसीयू,बैटरी, इन्वर्टर सहित कुल पैसेंजर सुविधाओं में बदलाव किया जाएगा. 105 KM प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली ये ट्रेन दिन में तीन चक्कर लगाएगी.
कालका- शिमला ट्रैक पर भी तैयारियां तेज
विश्व धरोहर सूची में शामिल कालका शिमला ट्रैक पर भी हाइड्रोजन प्लांट की तैयारियां तेज हो गई है. इस ट्रैक पर भी इसी साल दिसंबर में हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए, रूट पर तीन हाइड्रोजन जनरेशन एंड स्टोरेज प्लांट भी लगाए जाएंगे जो ट्रेन को हाइड्रोजन उपलब्ध कराएंगे. यह प्लांट कालका, शिमला और बडोग में लगाए जाने हैं.
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