दुनिया के टॉप 20 प्रदूषित शहरों में जींद शामिल, जानिये क्या है प्रदूषण की वजह

जींद | औद्योगिक रूप से पिछड़ा हुआ जींद जिला दुनिया के टॉप 20 प्रदूषित शहरों की सूची में आ चुका है. बता दें कि इस शहर के प्रदूषित होने का मुख्य कारण शहर के आस-पास लगी टायर जलाने व बैटरी के लेड की फैक्ट्रियां है. यह फैक्ट्री  दिन में बंद रहती है और रात के अंधेरे में चलती है. एक फैक्ट्री में रोजाना सात से आठ टायरों को जलाकर तेल निकाला जाता है.

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जींद में लगातार बढ़ रहा है प्रदूषण

यह तेल हॉट मिक्स प्लांट व सीमेंट फैक्ट्रियों को बेचा जाता है. वही इसके अलावा लोहे का तार भी निकाला जाता है. इन टायरों के जलने की वजह से कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड जैसे केमिकल  निकलते हैं, जिससे सांस संबंधित कई गंभीर बीमारी हो सकती है. बता दें कि स्विस संगठन आईक्यू एयर द्वारा तैयार किए गए एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2020 में जींद प्रदूषण के मामले में 13वे स्थान पर रहा था.

जींद का एयर क्वालिटी इंडेक्स ज्यादातर 200 से ज्यादा ही रहता है.  वहीं कभी-कभी यह 400 को भी पार कर जाता है. जब तेज हवाएं चलती है और बारिश होती है तो लोगों को राहत मिलती है.

बता दे कि हर साल अक्टूबर-नवंबर में प्रदूषण का स्तर सबसे खराब रहता है. इन दिनों में धान की कटाई होती है. बहुत से किसान धान कटाई कंबाइन से करवा कर फसल अवशेष में आग लगा देते हैं. वहीं इन दिनों में ठंड शुरू हो जाती है जिस वजह से हवा की गति कम होने की वजह से धुएं और धूल कण के कण आसमान में जम जाते हैं. पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में प्रदूषण का स्तर शहर में 400 माइक्रो ग्राम के पास चला गया था. वही दिसंबर जनवरी में भी प्रदूषण का स्तर 200 से ज्यादा रहता है, उस समय तो पराली भी नहीं जलाई जाती.

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