जींद । खरीफ के बाद रबी फसलों का बंपर भाव मिलने से किसानों की मौज हो रही है. बता दें कि खरीफ फसल कपास का न्यूनतम समर्थन (MSP) मूल्य सरकार द्वारा 5726 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था लेकिन पूरे सीजन कपास का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कही अधिक बना रहा. मौजूदा समय में भी अच्छी क्वालिटी की कपास का भाव 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहा है. वहीं बासमती समेत 1121, 1718 किस्म धान भी 4300 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है.
गेहूं की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. लेकिन लंबे अर्से बाद इस सीजन गेहूं का भाव भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक बना हुआ है. पिछले साल का पुराना गेहूं 2200 रुपए प्रति क्विंटल तक बिका है. फिलहाल मंडियों में गेहूं की आवक जोर पकड़ रही है.
हालांकि मंडी से बाहर गेहूं का भाव एमएसपी से ज्यादा मिल रहा है लेकिन किसान व्यापारियों को अपनी फसल नहीं बेच रहे हैं क्योंकि किसान इस उम्मीद में बैठे हैं कि सरकार इस बार गेहूं पर बोनस देगी. उनका मानना है कि यदि बाहर भाव 50 रुपए प्रति क्विंटल तक भी अधिक मिल गया और सरकार ने बताया ज्यादा बोनस दिया तो उन्हें इस स्थिति में नुकसान झेलना पड़ सकता है.
सरसों ने लगातार दूसरे साल किया मालामाल
सरकार द्वारा सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया था लेकिन सरसों की फसल भी बाजार में 6500-6600 रुपए प्रति क्विंटल तक बिकी. लगातार दो साल तक अच्छा भाव मिलने के चलते कृषि विशेषज्ञ इस बार उम्मीद जता रहे हैं कि सरसों का रकबा पिछले साल की मुकाबले बढ़ेगा.
धान का भी बढ़ सकता है रकबा
अच्छा भाव मिलने की वजह से किसानों का रुझान धान की फसल की ओर भी बढ़ सकता है. हालांकि सरकार कम पानी की लागत वाली फसलें कपास, मक्का, मूंग आदि की बिजाई करने पर प्रोत्साहन राशि दे रही है लेकिन कपास का भाव ज्यादा मिलने के बावजूद गुलाबी सुंडी के प्रकोप ने कपास उत्पादन को बुरी तरह से प्रभावित किया था. हालांकि कृषि विभाग गुलाबी सुंडी की रोकथाम के प्रयासों में जुटा हुआ है.
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