जींद | हरियाणा के जिला जींद में 10 साल से अधिक पुरानी बसों को चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी. यह आदेश डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बैठक के दौरान दिए हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि 10 साल पुरानी बसों की एनओसी बनवाकर एनसीआर से स्कूल संचालक बाहर जरूर बेच सकते हैं. इसके साथ ही निजी स्कूल संचालकों की मुसीबतें और ज्यादा बढ़ चुकी है.
जींद जिले में हैं 900 स्कूल बसें
डीसी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा स्कूली वाहनों के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल वाहन नीति बनाई गई है. जींद जिले में करीब 900 स्कूल बसें हैं. जिनमें से 50 से ज्यादा बसें 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं. पुरानी बसें ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के निजी स्कूलों की हैं. बजट कम होने के कारण निजी स्कूल संचालक पुरानी बसें खरीद लेते हैं. जो मानकों पर खरे नहीं उतरते.
नियम पूरे करने के लिए दिया समय
बता दे की महेंद्रगढ़ में स्कूल बस पलटने के बाद से ही पूरे हरियाणा में सख्त कार्रवाई की जा रही है. इसके बाद से कई निजी स्कूल बंद हैं और सरकार व प्रशासन की सख्ती शांत होने का इंतजार कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की टीमें भी स्कूलों का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख रही हैं. स्कूल संचालकों के आह्वान पर शासन ने नियम पूरे करने के लिए कुछ समय दिया है.
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