जींद। अभी तक किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच निशुल्क करवा पा रहे थे, परंतु अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. बता दे कि अब कृषि विभाग ने इसके लिए शुल्क निर्धारित कर दिए हैं. अब किसानों को प्रति सैंपल 10 रूपये का भुगतान कृषि विभाग को करना होगा. इस कार्य के लिए कृषि सहायक भी नियुक्त किए जाएंगे.
किसानों को मिट्टी की जांच करवाने के लिए करना होगा भुगतान
कृषि सहायक गांव अनुसार खेवट नंबर सहित पूरा डाटा ऑनलाइन अपडेट करेंगे. वही सभी किसानों को मिट्टी की जांच करवानी होगी. जिससे की मिट्टी की उर्वरक क्षमता का पता लगाया जा सके. कृषि विभाग की तरफ से अबकी बार सफीदों, अलेवा, नरवाना, जुलाना, उचाना ब्लॉक को चयनित किया गया. बता दे कि अभी केवल जींद व नरवाना मे ही मिट्टी की जांच होगी. इसके अलावा सफीदों में भी मिट्टी जांच के लिए लैब बनाई जा रही थी, तो लैब बन कर बिलकुल तैयार हो गई.जमीन में पोटाश, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सल्फर, तांबा समेत 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है. यह तत्व फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते है.
ज़ब एक ही फसल को बार-बार मिट्टी में उगाया जाता है तो खनिज तत्वो की कमी हो जाती है. इसे पौधा अंकुरित होने के साथ-साथ पीला व पौधे की पैदावार रुक जाती है. इसी वजह से किसान डीएपी व यूरिया का अंधाधुंध छिड़काव करना शुरू कर देती है, जिस वजह से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है. इस समस्या का समाधान निकालते हुए कृषि विभाग ने मिट्टी की जांच करने की योजना बनाई है. सैमपल लेने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसान सहायक भी न्युक्ति किए जा रहे हैं. एक सहायक 1 दिन में 8 से 9 सैंपल लेगा. इसे एक और किसानों को सुविधा होगी, वहीं युवाओं को भी रोजगार मिलेगा. अब किसानों को मिट्टी की जांच करवाने के लिए 10 रूपये खर्च करने होंगे. इस काम के लिए गांव के अनुसार ही सहायक नयुक्त किए जा रहे हैं. किसान मिट्टी की जांच करवा कर मिट्टी की पैदवार शक्ति का पता लगा सकते है.
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