जींद | हरियाणा के जींद जिले में 11 सितंबर की रात को गोवंश पकड़ते समय बाइक की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई थी. बता दें कि इस मामले में एक विशेष समुदाय के लोंगो द्वारा अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन, कैंडल मार्च नारेबाजी की गई. 10 दिन से मृतक के शव का अंतिम संस्कार भी नहीं किया गया है. आखिरकार प्रशासन ने लोगों के सामने सरेंडर कर दिया और सोमवार देर रात उनकी मांगे मान ली.
लोगों की मांगो के सामने प्रशासन ने किया सरेंडर
बता दे कि अब मृतक की पत्नी को आउटसोर्सिंग पार्ट वन के तहत धारा 12/3 के तहत नगर परिषद में नौकरी दी जाएगी. साथ ही तीन लाख 3 नगद राशि सहित सभी स्कीम मिलाकर कुल 40 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पीड़िता को दी जाएगी. सोमवार देर रात को जींद नगर परिषद के ईओ सुशील कुमार ने यह जानकारी पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए दी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पार्ट वन के तहत धारा 12/3 मिली नौकरी के बाद पीड़िता को कोई हटा नहीं पाएगा. जींद शहर में गोवंश को पकड़ने का ठेका समालखा के राजेश वर्मा ने लिया था.
राजेश शर्मा के पास काम करने वाले राम कॉलोनी निवासी दीपक, राहुल,अमन, सुरेश व सुनील 11 सितंबर को मिनी सचिवालय के सामने गोहाना रोड पर गोवंश को पकड़ रहे थे, उसी समय जींद के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले यश नामक युवक वहां से बाइक पर निकला. गोवंश को पकड़ते हुए ठेकेदार राजेश शर्मा का कर्मचारी सुनील उसकी मोटरसाइकिल की चपेट में आ गया.
बाइक के साथ सुनील की सीधी टक्कर हुई, जिस वजह से मौके पर ही सुनील की मौत हो गई. एक्सीडेंट के बाद ठेकेदार राजेश शर्मा के अन्य कर्मचारियों ने दोनों को संभाला और अस्पताल पहुंचाया.
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