ज्योतिष, Aaj Diwali Pujan Ka Shubh Muhurat 2022 | दिवाली रोशनी का त्यौहार है, जो हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस बार दिवाली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को है. दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि दिवाली के दिन शाम के समय में माता लक्ष्मी-गणेश और भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है. बता दें कि इस बार दिवाली के दिन चंद्रमा बुध के साथ कन्या राशि में होंगे. इसके साथ ही सूर्य और शुक्र तुला राशि में रहेंगे. ऐसे में बार बार दिवाली पर यह बहुत ही अच्छा संयोग बना है. आइए जानते हैं दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त.
कब से कब तक है अमावस्या तिथि
24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट से अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी, जो कि अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी.
Aaj Diwali Pujan Ka Shubh Muhurat 2022
24 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (Aaj Diwali Pujan Ka Shubh Muhurat 2022) है. लक्ष्मी पूजन की कुल अवधि 01 घंटा 23 मिनट की है। इस लिए कोशिश करें कि समय पर पूजा की जाए.
लक्ष्मी पूजन मंत्र
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
- ॐ श्रीं श्रीयै नम:
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
दिवाली के दिन जरूर करें ये काम
माना जाता है कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के बाद घर के हर कमरे में शंख और घंटी बजाना चाहिए. ऐसा करने से घर में बरकत होती है.
लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा कैसे करें
– सबसे पहले सर्वप्रथम पूजा का संकल्प लें।
– श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर जी की पूजा करें।
लक्ष्मी पूजा विधि
सबसे पहले लक्ष्मी पूजा के लिए पूरे घर में गंगाजल की छींटे लगाएं. घर के मेन गेट पर रंगोली और दिया लगाएं. इसके बाद घर के मंदिर पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं. इसके बाद फिर चौकी पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें. चौकी के पास एक कलश रखें. माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति के सामने दिपक जलाएं. फिर माता लक्ष्मी और गणेश जी को तिलक लगाएं. इसके बाद घर की तिजोरी की भी पूजा करें. इसके बाद भगवान को फल और लड्डू का भोग लगाएं और लक्ष्मी – गणेश जी की आरती करें.
मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता