ज्योतिष, Janmashtami Special | अबकी बार रक्षाबंधन की तरह जन्माष्टमी को लेकर भी कंफ्यूजन बना हुआ है. इसी वजह से कुछ स्थानों पर जन्माष्टमी 18 यानि आज, तो कुछ स्थानों पर 19 अगस्त को मनाई जाएगी. बता दें कि मथुरा, वृंदावन और द्वारिका के साथ ही इस्कॉन मंदिरों में जन्माष्टमी 19 तारीख को मनाई जाएगी. उत्तर भारत के अधिकतर स्थानों पर 19 तारीख को ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
इस वहज से 19 को मनाई जाएगी जन्माष्टमी
अबकी बार इस दिन तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों से मिलकर 8 शुभ योग बन रहे हैं. ज्योतिषियों के अनुसार ऐसा योग 400 सालों के बाद बन रहा है. अबकी बार जन्माष्टमी को लेकर कन्फ्यूजन इसलिए बना हुआ है क्योंकि अष्टमी तिथि 18 अगस्त को पूरे दिन नहीं रहेगी, बल्कि रात 9:30 बजे से शुरू होकर अगले दिन सूर्य उदय के बाद रात तक रहेगी. जिस दिन सूर्य उदय के समय अष्टमी तिथि हो उसी दिन यह त्योहार मनाना ज्यादा शुभ होता है.
ऐसे मनाए जन्माष्टमी
- जन्माष्टमी पर सूर्योदय से पहले उठकर पानी में गंगा, यमुना, नर्मदा तथा किसी अन्य पवित्र नदी का जल मिला कर नाहए.
- उसके बाद, तुलसी के पौधे में जल अर्पित कर पूजा करें.
- भगवान का अभिषेक कर पूजा अर्चना करें और माखन मिश्री का भोग लगाएं.
- गौशाला में पैसे, घास या अनाज का दान अवश्य करें.
- जितना हो सके इस दिन जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाकर, कपड़े दान करके अन्य तरीकों से सहायता करें.
पुरी के ज्योतिषाचार्य गणेश मिश्र ने बताया कि श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात के आठवें मुहूर्त में हुआ था, इसी वजह से रात 12:00 बजे कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. अबकी बारी यह मूहूर्त 12:05 से 12:45 तक रहेगा. बनारस, पुरी और तिरुपति के विद्वानों के पास मौजूद ग्रंथों के अनुसार अबकी बार भगवान श्रीकृष्ण का 5249 वा जन्मों पर्व है.
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