नई दिल्ली, Ahoi Ashtami Special | कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. अबकी बार इस व्रत को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन बनी हुई है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह यह वर्ष 17 अक्टूबर को करें या 18 अक्टूबर को. इस दिन माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु और सुख संपत्ति के लिए निर्जला उपवास रखती है. उसके बाद रात को तारों को अर्घ देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अष्टमी को अहोई का व्रत रखा जाता है. अबकी बार यह तिथि 17 अक्टूबर को सुबह 9:29 से शुरू होगी जो 18 अक्टूबर को 11:57 पर समाप्त होगी. अहोई अष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अक्टूबर को शाम 6:14 से लेकर 7:28 तक रहेगा.
अहोई अष्टमी पर शुभ योग मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 से लेकर सुबह 12:29 तक
- विजय मुहूर्त शाम 5:50 से लेकर 7:05 तक
इस प्रकार करे अहोई अष्टमी की पूजा
इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करे और अपनी पुत्र की लंबी आयु की कामना का संकल्प करते हुए व्रत करती करें. अहोई पूजा के लिए गेरू से दीवार पर उनके चित्र के साथ ही साहू और उसके 7 पुत्रों की तस्वीर बनाई जाती है. देवी को चावल, मूली, सिंघाड़ा,अर्पित करें और अष्टमी व्रत की कथा सुनें. पूजा के समय एक लोटे में पानी भरकर रखें, उसके ऊपर करवे में पानी भरकर रख दें. इसमें इस्तेमाल करने वाला करवा वहीं होना चाहिए जिसे करवा चौथ में इस्तेमाल किया गया था. शाम को तारे निकलने के बाद लौटे के जल से अर्घ्य दे.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!