ज्योतिष | हिंदू धर्म में हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है, इस साल बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा. बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां शारदा की पूजा अर्चना भी की जाती है. साथ ही, उन्हें पीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए. इस दिन पूजा में पीली चीजों को शामिल करना काफी अच्छा माना जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से आप मां सरस्वती को काफी आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं. मां सरस्वती के प्रसन्न होने से आपको ज्ञान, विवेक और बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि सरस्वती पूजा में पीले रंग का इतना महत्व क्यों बताया गया है.
बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल बसंत पंचमी की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 2:41 मिनट पर होगी और 14 फरवरी को दोपहर 12:10 मिनट पर समाप्ति होगी. उदया तिथि के अनुसार, 14 फरवरी को ही सरस्वती पूजा की जाएगी अर्थात इसी दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 10:30 मिनट से लेकर दोपहर 1:30 मिनट तक है.
क्यों बसंत पंचमी को पहने जाते हैं पीले रंग के वस्त्र?
ज्योतिष शास्त्र में पीले रंग को सुख शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन सूर्य के उत्तरायण में रहने से सूर्य की किरणों से पृथ्वी पीली हो जाती है. पीला रंग आत्मविश्वास बढ़ता है और तनाव कम करने में सहायता करता है, यह भी कहा जाता है की पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने से आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं, इसी वजह से इस दिन अधिकतर लोग पीले रंग के वस्त्र ही पहनते हैं.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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