2 अप्रैल से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, इस प्रकार करे मां दुर्गा को प्रसन्न

नई दिल्ली । चैत्र महीने की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह पहला महीना होता है इसी महीने से नए साल की शुरुआत होती है. इसी महीने में नवरात्रि भी पड़ती है जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है. साल में कुल चार नवरात्रि आती है, इनकी शुरुआत चैत्र नवरात्रि से ही होती हैं. बता दे कि नवरात्रि में 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. वहीं इसी दौरान घट स्थापना की जाती है और आखिर में कन्या पूजन किया जाता है.

Navratri Durgastmi

कलश स्थापित करने का शुभ मुहूर्त

मां दुर्गा को सुख समृद्धि और धन की देवी माना जाता है. इस साल नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेगी. नवरात्रि में कलश स्थापना का अपना ही विशेष महत्व होता है. इस कलश की भक्त 9 दिन तक पूजा करते हैं और अखंड ज्योति जलाए रखते हैं. कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है, इसलिए मां दुर्गा की पूजा करने से पहले कलश की पूजा की जाती है. कलश स्थापना करके ही सारे देवी देवताओं का आहवाहन किया जाता है. अबकी बार नवरात्रि 2 अप्रैल शनिवार को है. घट स्थापना का शुभ मुहूर्त शनिवार की सुबह 6:22 से 8:31 तक का है. घटस्थापना के लिए आप को कुल 2 घंटे और 9 मिनट का समय मिलेगा. इसके अलावा घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 से 12:57 तक रहेगा. वही प्रतिपदा तिथि 1 अप्रैल 2022 को सुबह 11:53 से शुरू होकर 2 अप्रैल को 11:58 पर खत्म होगी.

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इस प्रकार करें माँ दुर्गा की पूजा 

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद घर के मंदिर की साफ सफाई करें, जिस स्थान पर आपको कलश रखना है वहां गंगाजल छिडके. फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें. एक मिट्टी के पात्र में जो बो दे. इस पत्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें. कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधे. वही कलश में चारों और अशोक के पत्ते लगाएं. इसके बाद कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें और एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधे. फिर इस नारियल को कलश के ऊपर रखते हुए देवी दुर्गा का आहवाहन करें. उसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कलश सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का ही हो. कलश स्टील या फिर किसी अन्य अशुद्ध धातु का नहीं होना चाहिए.

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