2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्र, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

कुरुक्षेत्र । इस बार चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो रहें हैं. इस बार नवरात्र में अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष महत्व है. यह योग बेहद ही शुभ माना जाता है और ऐसे शुभ योग में पूजा भक्तों को अभिष्ठ सिद्धि दिलवाती हैं. माता रानी घोड़े पर सवार होकर आएगी.

Navratri

गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र के संचालक डा. रामराज कौशिक ने बताया कि इसी दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होने जा रही है. महानिशा पूजा आठ अप्रैल को तो महाअष्टमी का व्रत 9 अप्रैल को होगा तो वहीं 10 अप्रैल को महानवमी का व्रत व हवन होगा. शनिवार के चलते देवी दुर्गा के आगमन का वाहन घोड़ा रहेगा और अंतिम दिन रविवार होने से जाने का वाहन भैंसा होगा. देवी के वाहन भैंसा से विवाद, तनाव, दुर्घटनाएं और प्राकृतिक आपदाओं की ओर संकेत कर रहे हैं.

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ये रहेगी ग्रहों की स्थिति

चैत्र नवरात्र में मकर राशि में शनि देव, मंगल के साथ रहेंगे और ये पराक्रम में वृद्धि करेंगे. रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग होगा. रवि योग नवरात्रि को स्वयं सिद्ध बनाएंगे. शनिवार से नवरात्र की शुरुआत शनिदेव का स्वयं की राशि मकर में मंगल के साथ रहना निश्चित ही सिद्धि कारक है. इससे कार्य में सफलता, मनोकामना की पूर्ति, साधना में सिद्धि मिलेगी.

चैत्र नवरात्रि के दौरान कुंभ राशि में गुरु, शुक्र के साथ रहेगा. मीन में सूर्य, बुध के साथ, मेष में चंद्रमा, वृषभ में राहु, वृश्चिक में केतु विराजमान रहेंगे.

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कलश स्थापना मुहूर्त

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: 2 अप्रैल सुबह 6:10 से 8:31 तक

घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से 12:50 बजे तक

राहुकाल

सुबह 9:17 से 10:51 बजे तक. शुभ कार्य राहुकाल में निषेध माने गए हैं.

पहला दिन: मां शैलपुत्री को गाय के घी का भोग लगाएं. सब संकट दूर होंगे तथा रोगों से छुटकारा मिलेगा.

दूसरा दिन : मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर या पंचामृत का भोग लगाएं. लंबी उम्र का आशीष मिलेगा.

तीसरा दिन : मां चंद्रघंटा देवी को दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. धन प्राप्ति होगी और मान-सम्मान बढ़ेगा.

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चौथा दिन : मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाएं. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

पांचवां दिन : मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं. सफलता कदम चूमेगी एवं रोगों से मुक्ति मिलेगी.

छठां दिन : मां कात्यायनी देवी को मीठा पान चढ़ाएं. सौंदर्य एवं सकारात्मकता बढ़ेगी.

सातवां दिन : मां कालरात्रि को गुड़ से बने पकवान का भोग लगाएं. आरोग्य प्राप्ति होगी.

आठवां दिन : देवी महागौरी को नारियल का भोग लगाएं. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.

नौवां दिन : इस दिन सिद्धि दात्री मां को पांच मेवे और दूध से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं. हर काम में सफलता हाथ लगेगी.

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