ज्योतिष | जब भी कोई बड़ा ग्रह राशि परिवर्तन करता है, तो इसका प्रभाव मानव जीवन के साथ- साथ देश दुनिया पर भी देखने को मिलता है. बता दें कि मंगल ग्रह 15 मार्च को कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जहां पहले से ही शुक्र और शनि भी विराजमान है. ऐसे में कुंभ राशि में ही शुक्र, मंगल और शनि की युति बनेगी.
अप्रैल के पहले सप्ताह में ही कुंभ राशि को छोड़कर शुक्र मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे, वहां पर मंगल और शनि की विध्वंसक युति अप्रैल महीने के अंत तक बनी रहेगी. मंगल और शनि की युति को ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से बेहद ही अशुभ माना जाता है.
मंगल और शनि की युति बढ़ाएगी ये परेशानियां
शनि और मंगल की युति की वजह से रूस- यूक्रेन युद्ध में भी कोई बड़ी घटना देखने को मिल सकती है. 8 अप्रैल को मीन राशि में पूर्ण सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है, इस वजह से विश्व के कई देशों में आपको विवाद और महिलाओं के साथ भी हिंसा देखने को मिल सकती है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल अप्रैल के महीने में गुरु और बुध अग्नि तत्व की राशि मेष में संचरण कर रहे होंगे. जिन पर शनि देव की तीसरी दृष्टि होगी. ऐसे में शनि का प्रभाव भी मेष राशि के जातको पर दिखाई देगा.
शेयर बाजार में हो सकती है भारी- गिरावट
सामान्य से ज्यादा गर्मी अप्रैल के महीने में पडने वाली है, भारत के पश्चिमी हिस्से गुजरात/ राजस्थान और महाराष्ट्र के कुछ भागों में ज्यादा गर्मी देखने को मिलेगी. शनि मंगल की युति की वजह से आरंभ में भी शेयर बाजार में कुछ तेजी देखने को मिल सकती है. 8 अप्रैल को जब ग्रहण लगेगा, तब आपको शेयर बाजार में काफी उतार- चढ़ाव देखने को मिलेगा. इस युति की वजह से कई बड़े राजनीतिक घोटाले भी होंगे, जिस वजह से आर्थिक व्यवस्था में काफी गिरावट आएगी.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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