ज्योतिष, Dev Uthani Ekadashi 2022 | आज देवउठनी एकादशी है. आज के दिन भगवान विष्णु 4 महीने बाद निद्रा से जागते हैं. कहा जाता है कि इन 4 महीनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. तुलसी जी का विवाह देवउठनी एकादशी के दूसरे दिन किया जाता है. इसके बाद सभी शुभ काम जैसे शादी मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुरु हो जाती हैं.
देवउठनी एकादशी 2022 मुहूर्त
- कार्तिक शुक्ल देवउठनी एकादशी तिथि शुरू – 03 नवंबर 2022, शाम 07:30
- कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 04 नवंबर 2022, शाम 06:08
देवउठनी एकादशी व्रत का पारण समय – 05 नवंबर, सुबह 06 बजकर 36 मिनट से सुबह 08 बजकर 47 मिनट तक
द्वादशी तिथि का समापन: 05 नवंबर, शाम 05 बजकर 06 मिनट पर है.
1. तुलसी के पत्ते न तोड़े- देवउठनी एकादशी के दिन माता तुलसी का विवाह होता है, इसलिए इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ने की मनाही होती है.
2. चावल का सेवन न करें– एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है जो लोग एकादशी के दिन चावल का सेवन करते हैं वह अगले जन्म में रेंगने वाले जीव की योनि पाते हैं.
3. वाद-विवाद से बचें- एकादशी के दिन व्यक्ति को वाद-विवाद से बचना चाहिए. क्योंकि इस दिन इस दिन झगड़ा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.
4. किसी का न करें अपमान – एकादशी के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट होती हैं.
देवउठनी एकादशी के दिन करें ये काम
1. एकादशी के दिन लोगों को चीजें दान करना शुभ माना जाता है.
2. अगर संभव हो तो एकादशी के दिन गंगा स्नान करना चाहिए.
3. अगर किसी के विवाह में बांधा आ रही है तो ऐसे में एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए.
4. अगर कोई व्यक्ति एकादशी का उपवास रखता है, तो इससे धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होने की मान्यता है.
5. कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.