ज्योतिष, Devshayani Ekadashi | साल में कुछ दिन ऐसे होते हैं जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है. बता दें कि देवशयनी एकादशी के दिन से ही चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में कभी भी धन, वैभव और ऐश्वर्य की कमी नहीं होती. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि देवशयनी एकादशी कब है और किस दिन से चातुर्मास की शुरुआत हो रही है.
29 जून है देवशयनी एकादशी
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) कहा जाता है. इस दिन से ही भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास की शुरुआत होती है. अबकी बार देवशयनी एकादशी 29 जून को है. इस तिथि का उदय 29 जून को सुबह 3:18 पर और समापन 30 जून को 2:42 पर होगा. इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है, यह शुभ योग सुबह 5:26 से दोपहर 4:30 तक रहेगा.
इस प्रकार करें पूजा- पाठ
देवशयनी एकादशी के दिन पूजा पाठ करने का विशेष महत्व बताया गया है. जो व्यक्ति इस दिन पूजा- पाठ और उपवास रखता है, उसे जीवन में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही, जातकों के लिए मोक्ष के द्वार भी खुल जाते हैं. शास्त्रों में जानकारी दी गई है कि इस दिन जातको को ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का निरंतर जप करना चाहिए. इस मंत्र का जप करने से सभी प्रकार के रोग, दोष आदि दूर हो जाते हैं.
इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है और जातको को आशीर्वाद देती है, जिस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो जाती है. मां लक्ष्मी की कृपा से जातकों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!