भिवानी । हिंदू धर्म में दीपावली पर्व का अत्यधिक महत्व है इसलिए इसे पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है . इससे पहले घरों में साफ-सफाई व धनतेरस के दिन नया सामान खरीदा जाना शुभ माना जाता है जिससे मां लक्ष्मी की कृपा होती है. धनतेरस हर बार दीपावली से दिन पहले पडता है परंतु इस बार 1 दिन पहले यानि शुक्रवार को पड़ रहा है.
त्रयोदशी के उदया तिथि व प्रदोष काल में होने की वजह से 499 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है. इससे पहले 1521 में ऐसा योग बना था. अतः इस बार 13 नवंबर को धनतेरस व शाम को नरक चतुर्दशी की पूजा होगी.
इसके बाद 14 नवम्बर शनिवार को स्वाति नक्षत्र में दीपावली पूजन होगा. चिंतक वैदिक साइंसेज के अध्यक्ष व ज्योतिषी रमेश चिंतक व आचार्य मनोज द्विवेदी ने बताया कि त्रयोदशी 12 नवंबर की रात को 9:30 बजे शुरू होगी जो 13 नवंबर की शाम 5:59 बजे तक है. इस बार त्रयोदशी उदया तिथि व प्रदोष काल में पड़ रही है.
इसी दिन शाम 5:59 बजे से चतुर्दशी लगेगी, जो 14 की दोपहर 2:18 बजे तक रहेगी. इसके बाद14 नवंबर को शाम 2:18 से अमावस्या लग जाएगी. स्वाति नक्षत्र रात 8:20 बजे तक रहेगा. इसलिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5:22 बजे से 7:12 बजे तक करना शुभ रहेगा. जबकि व्यवसाय करने वाली जगह पर लक्ष्मी पूजन दोपहर 3 से रात 8:09 तक करना शुभ है.
वहीं दूसरी तरफ धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:01 बजे से लेकर रात 8:33 तक रहेगा. इसलिए उपर्युक्त विधान व शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आप पर मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य होगी.
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