ज्योतिष | प्रत्येक साल 24 चतुर्थी व्रत रखे जाते हैं जिनमें से कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत के नाम से जाना जाता है. अब जब फाल्गुन मास शुरू होने वाला है तो यह जानना भी जरूरी है कि इस महीने में पहला चतुर्थी व्रत कब रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत 9 फरवरी को रखा जाएगा. इस दिन भगवान श्री गणेश के छठे स्वरूप द्विजप्रिय गणेश जी की पूजा की जाती है.
इस व्रत को रखने से पूरी हो जाती है मनोकामना
इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. साथ ही, भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि क्या है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 9 फरवरी को प्रातः 4:53 पर होगा और इस स्थिति का समापन 10 फरवरी को सुबह 6:28 पर होगा. इस दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 9:13 निर्धारित किया गया है.
इस प्रकार करें पूजा
इस दिन व्रत करने वाले लोगों को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए और भगवान गणेश का स्मरण करते हुए पूजा की तैयारी करनी चाहिए, इसके बाद लाल वस्त्र धारण करें. बता दें कि भगवान गणेश को लाल रंग के वस्त्र काफी प्रिय है. पूजा काल में भगवान गणेश की प्रतिमा को अच्छे से साफ करें और फिर एक चौकी पर नया वस्त्र बिछाकर उनकी प्रतिमा को स्थापित करें.
इसके बाद, गणपति जी की पूजा षोडशोपचार विधि से करें. विघ्नहर्ता के मूल मंत्र का निरंतर जाप करें. पूजा काल में श्री गणेश स्त्रोत और गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें. अंत में गणेश जी की आरती करें और अज्ञानता वश हुई गलतियों के लिए माफी मांगे.
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