ज्योतिष, Gupt Navratri | हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू हो जाते है. अबकी बार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि आज यानी कि 19 जून से शुरू हो रहे है. इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा करने का विशेष महत्व है. गुप्त नवरात्रि आज 19 जून से शुरू होकर 28 जून को समाप्त होगे. इस नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि- विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है, ऐसा करने से आप सुख- समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. पूजा करते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. आज की इस खबर में हम आपको उन्हीं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
इस प्रकार करें मां दुर्गा की पूजा
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवत पूजा- पाठ करने के साथ कलश स्थापना का भी बेहद महत्व है. इसके लिए आप सुबह और संध्या पूजा के समय दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें. पूजा के दौरान मां दुर्गा को लौंग व बताशे का भोग भी लगाए. जब भी कलश स्थापित करें, उस समय मां दुर्गा को लाल रंग के फूल और चुनरी भी अर्पित की जाती है. ऐसा करने से मां दुर्गा आसानी से प्रसन्न हो जाती है और भक्तों की सभी मनोकामना को पूरी कर देती है.
इन नियमों का करें सख्ती से पालन
- गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों तक आपको केवल तामसिक भोजन का ही सेवन करना चाहिए.
- नवरात्रि के 9 दिन आप मांस- मदिरा आदि से दूर ही रहे अर्थात इनका सेवन ना करें.
- भोजन में इस दौरान लहसुन और प्याज का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए.
- इसके अलावा, गुप्त नवरात्रि में पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य के नियमों का भी पालन करना चाहिए.
- अपने मन और मस्तिष्क को माता के ध्यान में लगाना चाहिए.
- पूरे नवरात्रि में कुश की चटाई बिछाकर सोए.
- आप शारीरिक शक्ति के अनुसार फल, आहार या निर्जला उपवास भी कर सकते हैं.
- मां दुर्गा की पूजा करने के साथ- साथ अपने माता पिता की सेवा करें.
भूलकर भी ना करें यह काम
- गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए, इस दौरान नाखून काटने से भी बचें.
- नवरात्रि में किसी भी दिन देर तक नहीं सोना चाहिए, विशेष रूप से उन लोगों को जिन्होंने 9 दिनों का व्रत रखा हो.
- गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में चमड़े की चीजों से दूर रहना चाहिए.
- आपको बैंगनी, नीले या गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए, जितना हो सके हल्के रंग के कपड़े पहने.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान बच्चों का मुंडन संस्कार कराना भी वर्जित माना जाता है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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