ज्योतिष | सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए हर साल हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत रखती है. बता दें कि यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. अबकी बार हरतालिका तीज 6 सितंबर को पड़ रही है. पूरे देश में ही हरतालिका तीज का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं माता पार्वती को 16 श्रृंगार चढ़ाती है और भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की एक साथ पूजा- अर्चना भी करती है. आज हम आपको बताएंगे कि हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है और किस प्रकार पूजा करनी चाहिए.
क्यों शादीशुदा महिलाएं रखती है व्रत?
हरतालिका तीज का पावन पर्व भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है. खासकर शादीशुदा महिलाए इस दिन अपने पति की लंबी आयु और सुख- समृद्धि के लिए व्रत रखती है. अविवाहित कन्याएं भी इस व्रत को रख सकती है. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला और निराहार रखा जाता है. इसका मतलब है कि आपको इस व्रत में पूरे दिन कुछ भी ना तो खाना है और ना ही पीना है. इस व्रत को काफी कठिन माना जाता है, क्योंकि दिन भर महिलाओं को उपवास करना होता है.
इस प्रकार करें हरतालिका तीज की पूजा
सुबह जल्दी उठकर महिलाएं स्नान करके भगवान शिव व माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा अर्चना करती है. साथ ही, भगवान को नए वस्त्र और आभूषण पहनाए जाते हैं. घरों में या फिर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. पूजा के बाद महिलाएं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के भजन- कीर्तन करती है. हरतालिका तीज की रात महिलाएं जागरण करती है या फिर पूरी रात नहीं सोती.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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