होली से 8 दिन पहले होता है होलाष्टक, जानिए इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य क्यों नहीं किया जाता?

ज्योतिष | हिंदू धर्म में दिनों का आकलन हिंदू पंचांग के आधार पर किया जाता है. हिंदू पंचांग के आधार पर ही ज्योतिष बताता है कि कौन सा दिन शुभ रहेगा और कौन सा दिन शुभ नहीं रहेगा. बता दें कि होली से पहले शुरू होने वाला होलाष्टक काफी महत्वपूर्ण होता है. अबकी बार हिंदू पंचांग के अनुसार, होलाष्टक 27 फरवरी को सूर्य उदय के साथ शुरू होगा.

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वहीं, होलाष्टक का समापन 7 मार्च को होलिका दहन के साथ होगा. इस दौरान सभी ग्रह उग्र स्थिति में रहते हैं जिस वजह से इन दिनों को अशुभ माना जाता है. वैसे तो हर बार होलाष्टक तक 8 दिनों का होता है परंतु अबकी बार यह 9 दिनों का है. मान्यता है कि इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य या अच्छे काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह 9 दिन काफी अशुभ माने जाते हैं.

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होलाष्टक में क्यों नहीं होता कोई भी शुभ कार्य

इस बारे में ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इन दिनों के दौरान महादेव ने अपनी सभी इच्छाएं त्याग दी थी. उसके बाद से ही होलाष्टक शुरू हुआ था. महादेव को देवों का देव माना जाता है. इसी वजह से जब महादेव ने खुद इन दिनों को अशुभ बताया है तो मनुष्य भी इन दिनों के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते क्योंकि वह भी इसको अशुभ मानते हैं.

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शास्त्रों में जानकारी दी गई है कि इन दिनों के दौरान भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य पर आई हुई सभी विपत्ति दूर हो जाती है.

कब से चला आ रहा होलाष्टक

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन बुध ग्रह मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं. माना जाता है कि होलाष्टक फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक सभी ग्रह उग्र अवस्था में होते हैं. इसी वजह से इन दिनों कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं होता. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करना चाहते थे.

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इसी वजह से उन्होंने इन 8 दिनों के दौरान जिन्हे होलाष्टक कहते हैं, प्रह्लाद को काफी यातनाएं दी थी. इतनी यातना के बावजूद भी प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ. कहा जाता है कि इन दिनों के दौरान ही भगवान शिव ने अपने सभी इच्छाएं त्यागी थी तभी से यह होलाष्टक चला आ रहा है.

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