ज्योतिष | सनातन धर्म में होली के पर्व का विशेष महत्व बताया गया है, इसे रंगों का पर्व भी कहा जाता है. होली के पर्व पर हर तरफ खुशी और आनंद का माहौल दिखाई देता है. अबकी बार होली को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि 24 या 25 कब होलिका दहन होगा. आज की इस खबर में हम आपको इसी बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं. इन दिनों होली की वजह से बाजार में आपको रंग बिरंगी पिचकारी व गुलाल खरीदने वालों की भीड़ दिखाई दे रही हैं.
इस दिन मनाई जाएगी होली
हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होली का त्यौहार मनाया जाता है. शास्त्रों में होलिका दहन के बारे में जानकारी दी गई है कि पूर्णिमा की रात हो, रात्रि की वेला रहे और भद्रा की समाप्ति हो, इन तीनों के साथ रहने पर होलिका दहन किया जाता है. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भद्रा रहित मुहूर्त में होलिका दहन करना काफी अच्छा माना जाता है. चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा उदया तिथि को ही होली मनाई जाती है, अबकी बार 2 दिन पूर्णिमा होने की वजह से भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
कब है होलिका का पावन पर्व?
काशी में 25 मार्च को होली मनाई जाएगी, जबकि काशी के अलावा पूरे देश में 26 मार्च को होली मनाई जाएगी. हालांकि, होलिका दहन देश भर में ही 24 मार्च की मध्य रात्रि 10:30 मिनट के बाद किया जाएगा. इसका मुख्य कारण यह है कि होलिका दहन फालगुन की भद्रा रहित पूर्णिमा को रात्रि काल में ही किया जाता है.
रविवार को पूर्णिमा का प्रवेश दिन में 9:30 मिनट से शुरू हो रहा है. साथ ही, भद्रा की प्रविष्टि भी हो रही है. रविवार को भद्रा रात्रि 10:28 मिनट तक रहेगी, 25 मार्च को पूर्णिमा दिन में 11:30 मिनट तक रहने वाली है, इसीलिए सोमवार को होलिका दहन करना संभव नहीं है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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