ज्योतिष | शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय फलदाता और कर्म फलदाता के नाम से जाना जाता है. शनि देव जातको को उनके कर्मों के हिसाब से फल देने के लिए जाने जाते हैं. शनि देव सबसे धीमी गति से राशि परिवर्तन करते हैं, जिस वजह से सालों तक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शनि देव को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में कम- से- कम ढाई साल का समय लगता है. मौजूदा समय में शनि देव कुंभ राशि में विराजमान है. कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही मीन राशि पर शनि की साढेसाती शुरू हुई थी.
आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आने वाले 10 सालों में किन राशि के जातकों को शनि की साढेसाती और ढेया का सामना करना पड़ सकता है.
इन राशियों पर बरसाएंगे कहर
मीन राशि: इस राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है, इस राशि के लोगों को 8 अगस्त 2029 को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी. वही, कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है. मार्च 2025 को शनि देव राशि परिवर्तन करेंगे, जिससे मेष राशि के जातको को शनि की साढ़ेसाती का सामना करना पड़ेगा. साथ ही इन लोगों को 3 जुलाई 2034 को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी.
कर्क राशि: 3 जून 2027 से वृषभ राशि के जातकों पर भी शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा और 13 जुलाई 2034 को इन्हें साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी. शनि की साढ़ेसाती मिथुन राशि के जातकों पर 8 अगस्त 2029 को शुरू होगी और 27 अगस्त 2036 तक रहने वाली है. इस दौरान इस राशि के जातकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. नौकरी और व्यापार भी काफी धीमा रह सकता है, कर्क राशि के लोगों पर 31 मई 2032 तक साढ़ेसाती शुरू होगी, जो 2038 तक रहने वाली है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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