ज्योतिष | सूर्य के पास तकरीबन 11 डिग्री आने के बाद ही बृहस्पति अस्त हो जाता है. ज्योतिष के अनुसार, देव गुरु बृहस्पति धर्म और मांगलिक कामों के कारक माने जाते हैं. इसी वजह से जब गुरु अस्त होते हैं तो आपके घर पर मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. अबकी बार 2 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल तक गुरु अस्त रहेंगे. इन 27 दिनों तक शादी और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है. पुरी के ज्योतिष आचार्य डॉक्टर मिश्र बताते हैं कि 15 मार्च बुधवार को सुबह करीबन 6:47 पर सूर्य ने देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश किया था.
2 अप्रैल से महीने भर नहीं होंगे शुभ कार्य
इस राशि में पहले से ही बृहस्पति मौजूद थे. सूर्य के राशि बदलने की वजह से 16 दिन बाद बृहस्पति अस्त हो जाएंगे जोकि 29 दिनों तक अस्त ही रहने वाले हैं. गुरु के अस्त हो जाने से अब पूरे अप्रैल में शादी, सगाई आदि के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है. 29 अप्रैल को गुरु फिर से उदय हो जाएंगे, परन्तु शादी- सगाई के लिए मुहूर्त 2 मई और गृह प्रवेश के लिए मुहूर्त 3 मई से ही शुरू होने वाले हैं.
वैदिक ज्योतिष में गुरु को शुभ कार्यों का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है. डॉक्टर मिश्र का कहना है कि सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में आते हैं तो इससे ग्रुरु निस्तेज हो जाते हैं. इससे इस ग्रह का प्रभाव काफी कम हो जाता है. जब भी कोई शुभ कार्य करना होता है तो इसके लिए गुरु की मजबूत स्थिति होना बेहद जरूरी होता है. इसी वजह से 15 मार्च से 15 अप्रैल तक शुभ कामों की मनाही रहती है.
खासतौर पर इस समय में शादियां तो बिल्कुल भी नहीं की जाती. शादी के लिए सूर्य और गुरु दोनों ग्रहों का मजबूत स्थिति में होना जरूरी होता है. साथ ही, तकरीबन 12 साल में एक बार जब बृहस्पति सूर्य की राशि सिंह में आता है, तब भी सभी मांगलिक कार्य नहीं होते.
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