ज्योतिष | शनि देव ने 30 साल बाद अप्रैल महीने के अंत में कुंभ राशि में प्रवेश किया था. इसके बाद 23 अक्टूबर से 17 जनवरी 2023 तक वह मकर राशि में मार्गी रहेंगे, फिर दोबारा कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे. शनिदेव के दोबारा कुंभ राशि में प्रवेश करने से कुछ राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलने वाली है. यदि आप शनि के दोषों को कम करना चाहते हैं, तो आप कुछ विशेष उपायों को करके शनि के दोषों को कम कर सकते हैं.
शनि के गोचर से मीन राशि पर भी साढ़ेसाती शुरू हो गई है. वही कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होने वाला है. इस राशि के लोगों को धन लाभ मिलने के आसार है. मकर राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण आरंभ हो गया है, वहीं कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का आरंभ हो गई है.
अब मिलेगा शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा
- शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आपको रोजाना हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से दोषों से मुक्ति मिल जाती है. हो सके तो मंगलवार के दिन रामायण का पाठ भी अवश्य पढ़ें.
- शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल में जल अर्पित करें, साथ ही 7 बार उसकी परिक्रमा करें. शाम के समय सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं, ऐसा करने से शनि के दोषों से छुटकारा मिल जाता है.
- शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा पाने के लिए काले घोड़े की नाल या फिर नाव की कील की बनी अंगूठी बनवाकर दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में पहने, इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय ही आपको यह अंगूठी धारण करनी है.
- शनि देव को नीले रंग के फूल बहुत प्रिय होते हैं, इसलिए आप उनकी पूजा में इस रंग के फूल अवश्य रखें.
- कुंडली से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए रुद्राक्ष की माला ले और ओम शं शनिश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करें. ऐसा करने से आपको शनि के शुभ प्रभाव प्राप्त होंगे.
- शनिवार के दिन काले कपड़े, काले तिल, कंबल, लोहे के बर्तन आदि का दान करना काफी शुभ माना जाता है.