Chaitra Amavasya 2023: मंगलवार को चैत्र महीने की अमावस्या, इस तरह करें अपने पितरों को प्रसन्न

ज्योतिष, Chaitra Amavasya 2023 | मंगलवार 21 मार्च को चैत्र महीने की अमावस्या है. बता दें कि इससे भौम अमावस्या भी कहा जाता है. इस अमावस्या को पर्व की तरह माना जाता है. इस तिथि पर नदियों में स्नान, तीर्थ दर्शन करने की परंपरा पिछले काफी लंबे समय से चली आ रही है. उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के अनुसार, चैत्र अमावस्या का काफी महत्व है क्योंकि इसके अगले दिन से नव संवत शुरू होता है यानी कि पुराने संवत की यह अंतिम तिथि है.

samoti amawas 2021

अमावस्या के दिन पितरों के लिए किए गए शुभ कर्मों से पितरों को तृप्ति मिलती है. ऐसी मान्यता है कि जब पित्र प्रसन्न होते हैं तो वह आपको सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

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22 मार्च से शुरू हो रहा है नव संवत्

आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे की अमावस्या के दिन कौन- कौन से शुभ काम आपको जरूर करने चाहिए. मंगलवार हनुमान जी का जन्म वार है. इसी वजह से मंगलवार को श्री राम की पूजा करने के बाद हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर सुंदरकांड या सुंदर चालीसा का पाठ करें.

आप चाहे तो श्री राम नाम का जप भी कर सकते हैं. सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमान जी का श्रृंगार करें, मिठाई का भोग लगाए. धूप- दीप जलाकर आरती करें.

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इस प्रकार करें पूजा

  • सुबह देवी- देवताओं की पूजा करनी चाहिए और दोपहर के बाद पितरों के लिए धूप ध्यान करना चाहिए क्योंकि दोपहर का समय श्राद्ध तर्पण धूप ध्यान करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
  • घर में साफ सफाई करें. गाय के गोबर से बना कंडा जलाए. जब कंडे से धुआं निकलना बंद हो जाए तो पितरों का ध्यान करते हुए अंगारों पर गुड और घी डाले.
  • इसके बाद, हथेली में जल लेकर अंगूठे की तरफ से पितरों को जल अर्पित करें. अमावस्या पर पितरों का ध्यान करके जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं. अनाज, धन और कपड़ों का दान करना भी काफी अच्छा माना जाता है.
  • अमावस्या पर सुबह जल्दी उठे. स्नान करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं.
  • ओम सूर्याय नमः मंत्र का जप करें.
  • घर के मंदिर में बाल गोपाल है तो उनका भी अभिषेक करें.
  • मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाए. भगवान विष्णु की पूजा करें.
  • ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जप करें, शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करें.
  • बेलपत्र और फूल अर्पित करें. दीपक जलाकर आरती करें और मिठाई का भोग लगाएं.
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