ज्योतिष | धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में सावन के महीने का बेहद महत्व है. अबकी बार सावन का महीना 1 महीने का ना होकर पूरे 2 महीनों का है क्योंकि इस बार इस महीने में अधिक मास भी लग रहा है. 18 जुलाई से अधिक मास की शुरुआत हो चुकी है. इस साल अधिक मास में कुल 4 प्रदोष के व्रत पड़ रहे है.
पहला प्रदोष व्रत रविवार के दिन होने वाला है, इसी वजह से यह रवि प्रदोष व्रत होगा.अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जुलाई सुबह 10 :34 मिनट से शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 31 जुलाई को होगा.
30 जुलाई को प्रदोष व्रत
प्रदोष काल में पूजा करने से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है. अबकी बार प्रदोष व्रत 30 जुलाई को पड़ने वाला है. प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 7:19 पर है. वहीं, शुभ मुहूर्त का समापन 9:19 मिनट पर है. इस दौरान कई प्रकार के शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग 30 जुलाई को सुबह 6:00 से रात के 9:32 तक रहने वाला है.
इसी दिन रवि योग और इंद्र योग भी लगने वाला है. जिस वजह से अबकी बार प्रदोष व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. यदि हम विधि विधान तरीके से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो हमें इच्छापूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
अधिक मास में प्रदोष व्रत का महत्व
- इस व्रत में भगवान शिव के साथ- साथ माता पार्वती की पूजा भी की जाती है.
- अधिक मास में पडने वाले प्रदोष व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाता है.
- अधिक मास के प्रदोष व्रत की पूजा आपको ज्यादा फल देती है.
- इस दिन व्रत रखने से ना केवल आपकी उम्र बढ़ती है बल्कि आपका स्वास्थ्य भी काफी बढ़िया रहता है.
- यदि इस दिन पति- पत्नी एक साथ व्रत करते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन भी काफी अच्छा व्यतीत होता है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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