Padmini Ekadashi 2023: पद्मिनी एकादशी पर करें भगवान विष्णु की उपासना, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

ज्योतिष | पद्मिनी एकादशी (Padmini Ekadashi 2023) को सनातन धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है जो कि अधिक मास यानि पुरुषोत्तम महीने में आता है. यह एकादशी व्रत भगवान विष्णु की आराधना में समर्पित किया जाता है. बता दें कि यह व्रत हर तीन साल में एक बार पड़ता है क्योंकि अधिक मास तीन सालों में एक बार लगता है. इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, पाठ, और दान करते हैं. इसके अलावा, श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान भी करते हैं. साथ ही, अन्नदान, कपड़ों और धन का दान करते हैं. जिससे भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता हैं. चो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको पद्मिनी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बताते हैं…

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पद्मिनी एकादशी 2023 तिथि

पद्मिनी एकादशी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई के दोपहर 2:51 बजे से शुरू होकर 29 जुलाई दोपहर 1:06 बजे तक रहेगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, इसकी उदय तिथि 29 जुलाई को है, जिसका मतलब एकादशी व्रत 29 जुलाई, शनिवार को रखा जाएगा.

पद्मिनी एकादशी 2023 के शुभ मुहूर्त

पद्मिनी एकादशी व्रत तिथि: 29 जुलाई 2023, शनिवार

एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त: व्रत की समयांतर (व्रत का प्रारंभ) – 28 जुलाई 2023, दोपहर 02:51 बजकर 51 मिनट से व्रत का समाप्ति – 29 जुलाई 2023, दोपहर 01:06 बजकर 06 मिनट तक

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पद्मिनी एकादशी 2023 पूजा विधि

  • भगवान विष्णु की मूर्ति या विग्रह के समक्ष स्नान करें.
  • स्नान के समय आप भगवान विष्णु की स्तुति कर सकते हैं या उनके नाम का जाप कर सकते हैं.
  • व्रती एकादशी के व्रत की संप्राप्ति के लिए समर्पित होता है.
  • पद्मिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करें.
  • पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री जैसे कि फूल, दीपक, धूप, अर्चना, भोग, गंध और अखंड दिया आदि की व्यवस्था करें.
  • पद्मिनी एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी विशेष महत्वपूर्ण है.
  • इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को शुभ फल और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है.
  • इस दिन भक्तों को दान करने का विशेष महत्व दिया जाता है.
  • धार्मिक अनुष्ठान के तहत विशेषकर दरिद्र, गरीब, यतियों, ब्राह्मणों, गौ-सेवकों और दृष्टिबद्ध लोगों को आहार, वस्त्र, धन, विद्युत सामग्री आदि का दान करें.
  • पद्मिनी एकादशी के व्रत को विधिवत खंडित करने के लिए व्रती को अगले दिन भगवान विष्णु की पूजा करके व्रत का खंडन करना चाहिए.
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डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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