ज्योतिष, Panchak | हिंदू धर्म में जब भी कोई काम मांगलिक कार्य किया जाता है, तो सबसे पहले शुभ या अशुभ मुहूर्त देखा जाता है. शुभ मुहूर्त में ही मांगलिक कार्य करने का महत्व बताया गया है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने में 5 दिन ऐसे होते हैं, जिनमें आपको भूलकर भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं.
दिसंबर में इन 5 दिनों में ना करें कोई शुभ कार्य
5 दिनों को पंचक नाम से भी जाना जाता है. सप्ताह के वार के हिसाब से ही फैसला लिया जाता है कि इन दिनों में मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं या नहीं. पंचांग के अनुसार, चंद्रमा इकलौता ऐसा ग्रह है, जो सबसे तेज गति से चाल चलता है. वह एक राशि में ढाई दिन और नक्षत्र में एक दिन रहते है. ऐसे में जब चंद्रमा घनिष्ठा शतभिक्षा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तर भद्रपद्र और रेवती नक्षत्र से होकर गुजरते है तो इस प्रक्रिया में 5 दिनों का समय लग जाता है. इसी को ही पंचक कहा जाता है, आज हम आपको बताएंगे कि दिसंबर महीने में इसकी शुरुआत कब से हो रही है.
साल के आखिरी महीने में पंचक की तिथि 7 दिसंबर शनिवार को सुबह 5:07 मिनट से शुरू हो रही है, जो 11 दिसंबर को सुबह 11:48 मिनट तक जारी रहेगी. पंचांग के नाम का निर्धारण सप्ताह के वार के हिसाब से ही किया जाता है. ऐसे में शनिवार के दिन आरंभ हुए पंचांग को मृत्यु पंचांग कहा जाता है, यह सबसे ज्यादा कष्टकारी माना जाता है. इस पंचांग में दूसरे पंचकों से 5 गुना अधिक अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं.
मृत्यु पंचक में भूलकर भी ना करें ये कार्य
- पंचक के दौरान मांगलिक और शुभ कार्य की मनाही होती है, ऐसा करने से आपको अशुभ फल की प्राप्त होती है.
- मृत्यु पंचक के दौरान विवाहित महिलाओं को ससुराल या फिर मायके में ही रहना चाहिए. इस अवधि के दौरान बाहर जाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता.
- मृत्यु पंचक के दौरान चारपाई, बेड, पलंग आदि बनाने की मनाही होती है.
- पंचक के दौरान छत डालने की मनाई होती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर के सदस्यों के बीच सुख- शांति बनी नहीं रहती और उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है.
- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने की भी मनाए होती है, इस दिशा को यम की दिशा कहा जाता है. ऐसा करने से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है, आपको भूलकर भी इस दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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