ज्योतिष, Pitru Paksha Special | भाद्रपद पूर्णिमा के साथ पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है जो अश्विन मास की अमावस्या तिथि के साथ समाप्त हो जाएंगे. बता दें कि इन दिनों पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. वही मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ पृथ्वी पर आते हैं जिससे उनका श्राद्ध कर्म करके मोक्ष की प्राप्ति मिल सके. कई लोगों की कुंडली में पितृदोष भी होता है जिस वजह से उनका कोई भी काम पूरा नहीं होता, वही बनता काम भी बिगड़ जाता है.
जानिए क्या है पितृ दोष
यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार विधि विधान से ना किया जाए या फिर किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उस व्यक्ति से जुड़े परिवार को पितृदोष का सामना करना पड़ सकता है. फिर यह दोष एक पीढ़ी तक ही नहीं बल्कि पीढ़ियों दर पीढ़ियों चलता रहता है. इस वजह से आपके हर काम में समस्याएं उत्पन्न हो जाती है.
पितृदोष से मुक्ति के उपाय
- पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए आप श्राद्धपक्ष मे प्रतिदिन सुबह एक कलश में पानी ले और उसमें 2 बून्द गंगाजल डालकर इसे भगवान शिव पर अर्पित कर दे, ऐसा करने से भी पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है.
- यदि आपकी कुंडली में भी पितृदोष मौजूद है तो आप पितरों की फोटो दक्षिण दिशा की तरफ लगाए. रोजाना माला चढ़ाकर उनका स्मरण करें, ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है.
- पीपल के पेड़ में दोपहर के समय जल चढ़ाए. इसके साथ ही अक्षत, दूध, गंगाजल और काले तिल भी चढ़ाए और पितरों को याद करें.
- रोजाना शाम के समय दक्षिण दिशा की तरफ एक दीपक जरूर जलाएं. यदि आप रोजाना नहीं जला सकते तो पितृपक्ष के दौरान अवश्य जलाए.
- पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए आप गरीब कन्याओं का विवाह करवाएं या फिर किसी के विवाह में सहायता करें, ऐसा करने से भी पितृदोष से छुटकारा मिल जाता है.