ज्योतिष | यदि हम अपनी जिंदगी में खुश रहे इसके लिए जरूरी है कि हमारे पितृ भी हमसे प्रसन्न हो. पितृपक्ष में तर्पण और श्राद्ध करने से हमारे पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं. इसी वजह से पितृपक्ष (Pitru Paksha 2023) में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध आदि किए जाते हैं. मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध या फिर पितरों का तर्पण विधि- विधान तरीके से करने से पितृ काफी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और हमें सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. पितरों की आत्मा की शांति के लिए सच्ची श्रद्धा के साथ तर्पण किया जाता है, इसे ही श्राद्ध कहा जाता है.
इस प्रकार करें अपने पितरों को प्रसन्न
बता दे कि जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई होती है, उन लोगों के लिए 13 तारीख को श्राद्ध किया जाएगा. इस दौरान आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि बाकी लोगों के लिए 14 अक्टूबर को श्रद्धा तर्पण कर सकते हैं.
श्राद्ध करने वालों को आवश्यक रूप से इस बारे में जानकारी होनी चाहिए की तीन पीढिया हमारे शरीर में अप्रत्यक्ष रूप से वास करती है. हमारे माता- पिता, दादा- दादी, परदादा- परदादी, वृद्धि परदादा- पदादी तीनों सूक्ष्म प्राणियों का हमारे शरीर में वास रहता है. हमारा अधिकार तीन पीढियां तक रहता है. पितृपक्ष के समय हमें कौवे और गाय आदि को भी भोजन खिलाना चाहिए, इसे काफी अच्छा माना जाता है.
इस दिन से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष
- 29 सितंबर – पूर्णिमा श्राद्ध
- 30 सितंबर – प्रतिपदा श्राद्ध, द्वितीया श्राद्ध
- 01 अक्टूबर – तृतीया श्राद्ध
- 02 अक्टूबर – चतुर्थी श्राद्ध
- 03 अक्टूबर – पंचमी श्राद्ध
- 04 अक्टूबर – षष्ठी श्राद्ध
- 05 अक्टूबर – सप्तमी श्राद्ध
- 06 अक्टूबर – अष्टमी श्राद्ध
- 07 अक्टूबर – नवमी श्राद्ध
- 8 अक्टूबर – दशमी श्राद्ध
- 09 अक्टूबर – एकादशी श्राद्ध
- 11 अक्टूबर – द्वादशी श्राद्ध
- 12 अक्टूबर – त्रयोदशी श्राद्ध
- 13 अक्टूबर – चतुर्दशी श्राद्ध
- 14 अक्टूबर – सर्व पितृ अमावस्या
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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