कुंभ राशि में वक्री हुए शनि, इन 5 राशियों के जातको की बढ़ने वाली है परेशानियां

ज्योतिष |  5 जून से शनि वक्री हो गए है. बता दें कि शनिदेव को न्याय एवं कर्म का देवता माना जाता है, जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनि देव उसे वैसा ही फल देते हैं. ज्योतिष शास्त्रों में सभी ग्रह नक्षत्रों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं. बता दें कि इनकी उपस्थिति एक राशि में ढाई साल तक रहती है, इसके बाद ही वे गोचर करते हैं.

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SHANI DEV

शनिदेव के वक्री होने से इन राशियों के जातको की बढ़ने वाली है परेशानिया 

वही शनिदेव अपनी राशि कुंभ में विराजमान थे, परंतु 5 जून को वह कुंभ राशि में वक्री हो गए अर्थात् शनि कुंभ राशि में उल्टी दिशा में चलने लगें और 12 जुलाई को वह मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 25 अक्टूबर को मार्गी होकर 17 जनवरी को वापस कुंभ राशि में आ जाएंगे. बता दें कि शनिदेव के वक्री होने का प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा.

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शनि के वक्री होने पर कुंभ, सिंह, मकर, मीन राशियों की परेशानियां बढ़ सकती है. इन राशि के जातकों को थोड़ा सा सावधान रहने की आवश्यकता है. इस दौरान जीवनसाथी या लव पार्टनर के साथ कुछ विवाद हो सकता है जिसका असर आपके रिश्ते पर भी पड़ सकता है. कामकाज के दौरान अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें, छोटी-छोटी बीमारी को भी नजरअंदाज ना करें.

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इस अवधि के दौरान अपने शत्रु और विरोधियों से सावधान रहें अन्यथा आप को नुकसान उठाना पड़ सकता है. जो व्यक्ति पहले से ही किसी परेशानी का सामना कर रहे है उनकी समस्या बढ़ने वाली है. समस्याओं से बचने के लिए शनि देव का जप करें.

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