ज्योतिष | चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण आसमान में दिखने वाली ऐसी अद्भुत घटनाएं है, जिन पर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की पैनी नजर रहती है. आज की इस खबर में हम आपको इस साल के दूसरे चंद्र ग्रहण के बारे में जानकारी देने वाले हैं. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को लगा था, अब साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगने जा रहा है. यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देने वाला है, जिस वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
क्या होता है चंद्र ग्रहण?
जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और पृथ्वी के बीच में आने की वजह से सूरज का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ता, तो इस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण के नाम से जाना जाता है. पृथ्वी, सूर्य की परिक्रमा करती रहती है. चंद्रमा एक उपग्रह है जो कि पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है. जब पृथ्वी, सूर्य व चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चांद तक नहीं पहुंच पाती. इस स्थिति में धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, इसी घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही चंद्र ग्रहण लगता है.
कब लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण?
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को सुबह 6:11 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 10:17 मिनट पर समाप्त होगा यानी कि इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 6 मिनट की रहने वाली है. सितंबर महीने में लगने वाला दूसरा सूर्य ग्रहण एशिया के अधिकतर हिस्सों, यूरोप, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, हिंद महासागर के समय क्षेत्र में दिखाई देने वाला है.
यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देने वाला है, इस वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. भारत के मुंबई समेत कुछ पश्चिमी शहरों में आपको यह ग्रहण दिखाई दे सकता है. जब चांद अपने क्षितिज से नीचे चला जाएगा, तो भारत में यह दिखना बंद हो जाएगा.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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