ज्योतिष, Sani Sade Sati Upay | ज्योतिष गणना के अनुसार शनि देव 12 जुलाई को दोपहर 2:38 मिनट पर मकर राशि में वक्री हो गए, अब वह इस राशि में 23 अक्टूबर 2022 तक मार्गी हो जाएंगे. इसके बाद दोबारा से 7 जनवरी 2023 को शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे. हर व्यक्ति के जीवन पर एक बार शनि की साढ़ेसाती अवश्य पड़ती है. न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव सभी को अपने कर्मों के हिसाब से फल देते हैं.
इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती
गुरु ग्रह की राशि धनु में भी शनि की साढ़ेसाती का आखरी चरण चल रहा है, 12 जुलाई को शनि वक्री चाल चलते हुए कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर गए. ऐसे में अब धनु राशि के जातकों को 17 जनवरी 2023 तक शनि की साढ़ेसाती का सामना करना होगा. इस दौरान इस राशि के जातकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. शनिदेव मकर राशि के स्वामी है, ऐसे में इस राशि में शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा पाने के लिए जातको को 29 मार्च 2025 तक इंतजार करना होगा.
उस समय शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे. ऐसे में शनि की साढ़ेसाती भी खत्म हो जाएगी. कुंभ राशि के जातकों में शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी, जो 3 जून 2027 रहेगी. शनि की महादशा सें कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर ही छुटकारा मिलने वाला है.
शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपाय
- आपको नियमित शनिदेव की पूजा करनी चाहिए.
- शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें.
- शनिवार के दिन सुबह पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल और काले तिल चढ़ाए.
- शनिवार के दिन जितना हो सके गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें.