श्राद्ध पूजन करने से मिट जातें है सब दोष, जानिए पितृ दोष का समाधान

पितृदोष से संबंधित अनेक प्रकार की धारणाएं हमारे ज्योतिष और पुराणों में बताई गई हैं. आपको बता दें पितृदोष हमारे पूर्वजों और कुल परिवार के लोगों से जुड़ा हुआ दोष है. पितृदोष के कारण हमारे जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती हैं. हमारे पूर्वजों द्वारा हमारी इस पीढ़ी को दिया जाने वाला किसी भी प्रकार का कष्ट पितृदोष कहा जाता है. कई व्यक्ति इसे अन्य भाषा में पितृ ऋण भी कहते हैं. आइए जानते हैं कि पितृ ऋण या पितृ दोष क्या होता है और  इसका समाधान क्या है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता, मौसा-मौसी, नाना-नानी, दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई आदि को जीवन में कष्ट देता है व उनकी अवेहलना करता है तो वे मृत्यु के बाद उसे पितृदोष परेशान करते हैं या उसे अनेक प्रकार की हानि पहुंचाते हैं. किसी व्यक्ति को पितृदोष होता है तो वह उसके  व्यवसाय व जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है यानि उसे धन का लाभ नहीं होता . अनेक प्रकार की समस्याएं उसके सामने जीवन भर आती जाती रहती हैं. .पितृदोष 7 पीढ़ियों तक चलता रहता है.

यह भी पढ़े -  साल 2025 में गुरु ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन, चमकेगा इन 3 राशि के जातकों का भाग्य

Saradh Image

पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए 1 सितंबर से 17 सितंबर 2020 तक श्राद्ध में पितरों की पूजा करनी बहुत ही आवश्यक है. इससे हमारे पितृदोष दूर हो जाता है यदि हम लगातार श्राद्ध में सुबह उठकर स्नान कर कर हमारे पूर्वजों को खाना खिलाते हैं और उस खाने का कुछ भाग कोऔ को डालते हैं तो यह पितृदोष को ख़त्म करने में महत्वपूर्ण माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध के दिनों में ही हमारे पूर्वज हमारे घर आते हैं और हमारे भोजन ग्रहण करते हैं. यदि हमें पितृदोष से मुक्त रहना है और हमारी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना है तो हमें श्राद्ध के दिनों में उन्हें नहा धोकर सुबह खाना खिलाना चाहिए.

यह भी पढ़े -  12 साल बाद मार्गी होंगे गुरु ग्रह, फरवरी 2025 से शुरू होगा इन तीन राशियों का अच्छा समय

भूखे व्यक्ति को खाना खिलाना

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हम भूखे व्यक्तियों को भी भोजन कराते हैं तो भी यह पितृदोष को खत्म करने का एक अच्छा उपाय है. यदि हम श्राद्ध के दिनों में  किसी भूखे  या  गरीब व्यक्ति को खाना खिलाते हैं तो यह पितृदोष को  खत्म करने में काफी महत्वपूर्ण होता है.

कोऔ को खाना खिलाना

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि हम सुबह स्नान करने के बाद  ताजा बनी रोटियां कोऔ खिलाते हैं तो माना जाता है कि यह रोटियां हमारे पितरों को  मिल जाती हैं ऐसे श्राद्ध के दिनों में कोऔ को भी खाना खिलाना अच्छा माना जाता है.

यह भी पढ़े -  26 नवंबर को बुध बदलेंगे अपनी चाल, इन 3 राशियों की लगेंगी लॉटरी

गाय को हरा चारा खिलाना

गाय को हमारे शास्त्र में माता माना जाता है यदि हम श्राद्ध के दिनों में गाय को हरा चारा खिलाते हैं तो यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है यानी पितृदोष को ख़त्म करने के लिए गाय को हरा चारा खिलाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रभावशील उपाय हैं.

सूर्य को जल अर्पित करना

यदि हम श्राद्ध के दिनों में लगातार सूर्य को जल अर्पित करते है तो पितृदोष खत्म हो जाता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार श्राद्ध के दिनों में सूर्य को अर्पित किया जाने वाला जल हमारे पूर्वजो की प्यास मिटाता है और हमे होने पितरो से अनेक प्रकार के आशीर्वाद मिलते है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit