ज्योतिष | हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. भाद्रपद महीने में सोमवार के दिन अमावस्या पड़ रही है, इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन लोग ब्रह्म मुहूर्त में स्नान- दान व तर्पण करते हैं. अगर आपके मित्र भी आपसे नाराज है, तो उनको खुश करने का आपके पास एक बढ़िया मौका है. आप भी सोमवती अमावस्या के दिन विशेष- पूजा अर्चना करके अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं.
2 सितंबर को है सोमवती अमावस्या
भाद्रपद कृष्ण अमावस्या 2 सितंबर को सुबह 5:21 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन 3 सितंबर को सुबह 7:24 मिनट पर होगा. ऐसे में 2 सितंबर को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:38 मिनट से सुबह 5:24 मिनट तक रहेगा. सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना काफी अच्छा माना जाता है, इस दिन आपको हो सके, तो जरूरतमंद लोगों को दान अवश्य करना चाहिए.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
अमावस्या के दिन भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप करना चाहिए. हो सके तो आपको इस दिन पंचामृत से अभिषेक करवाना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन में मौजूद आर्थिक परेशानियां समाप्त हो जाएंगी. सोमवती अमावस्या के दिन सुबह 7:34 मिनट से सुबह 9:09 मिनट तक राहुकाल रहने वाला है. ऐसे में इस दौरान आपको पूजा अर्चना नहीं करनी है. राहुकाल में पूजा करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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