ज्योतिष | सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व बताया गया है, यह तिथि पितरों के तर्पण करने के लिए काफी खास होती है. अगर आपके पितृ भी आपसे नाराज है, तो आप उन्हें इस दिन काफी आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं. अबकी बार सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को है. सोमवार के दिन अमावस्या होने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है.
अमावस्या के दिन ग्रहण भी लगने जा रहा है. ज्योतिष में कुछ ऐसे उपायों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनको हम अमावस्या पर करते हैं तो हमें पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है. आज की इस खबर में हम आपको इसी बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है.
इस प्रकार करें पितरों को प्रसन्न
- अगर आपकी कुंडली में भी पितृ दोष है और आपको संतान होने में परेशानी हो रही है, तो आपको अमावस्या के दिन पीपल का पौधा लाना है और उसे कहीं सुनसान जगह पर जाकर लगा देना है. अगर संभव हो तो आप कम से कम इस पौधे की 1 साल तक सेवा करें. ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है और संतान होने में आ रही परेशानियों से भी आपको छुटकारा मिल जाता है.
- सोमवती अमावस्या के दिन आपको भगवान शिव की पूजा अर्चना भी करनी चाहिए. इस दिन भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. साथ ही, भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें. ऐसा करने से आपकी आर्थिक परेशानियां समाप्त हो जाएगी, धन के नए रास्ते खुलेंगे.
- अगर आपको कोई लाइलाज रोग है या फिर आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो आपको अमावस्या के दिन निश्चित रूप से सूर्य पुराण का पाठ करना चाहिए. इस दिन सूर्य ग्रहण का भी संयोग है, ऐसे में आपके रुके हुए सारे काम बन जाएंगे. साथ ही, आपको आरोग्य की प्राप्ति होगी.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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